
मध्य प्रदेश के मंदसौर और रतलाम के लोगों से भरी एक बस राजस्थान के कोटा के पास हादसे का शिकार हो गई। इस सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। हादसा दिल्ली-मुंबई 8 लेन एक्सप्रेस-वे पर हुआ। श्रद्धालुओं से भरी तेज रफ्तार बस खड़े ट्रक में जा घुसी। इस हादसे में पति-पत्नी सहित 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 2 की हालत गंभीर है। घायलों को कोटा के एमबीएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। हादसा गुरुवार सुबह सिमलिया (कोटा) इलाके के कराड़िया के पास हुआ। श्रद्धालु महाकुंभ (प्रयागराज) से मंदसौर (मध्य प्रदेश) लौट रहे थे।
सिमलिया थाना ASI हरिराज सिंह ने बताया कि हादसा सुबह साढ़े 6 बजे के आसपास हुआ। बस में करीब 56 यात्री सवार थे। बस यात्री एमपी के मंदसौर और रतलाम के रहने वाले हैं। प्रयागराज से स्नान करके वापस मंदसौर लौट रहे थे।
पीछे से ट्रक में घुसी थी बस
सुबह के वक्त हाईवे पर एक ट्रक खड़ा था। बस खड़े ट्रक में पीछे से घुस गई। हादसे में कैलाशी बाई (54), किशोरी लाल (60) व अशोक (35) की मौत हुई है। कैलाशी और किशोरी लाल रेखवार पति-पत्नी थे। पति-पत्नी संजिद नाका, पटेल कॉलोनी (मंदसौर) और अशोक (मृतक) नृसिंहपुरा, रामदेव मन्दिर के पास, मंदसौर (MP) के रहने वाले थे। अशोक पेशे से हलवाई थे। चमन लाल व पार्वती घायल हैं। ये लोग बस की केबिन में बैठे थे। इनका इलाज एमबीएस हॉस्पिटल में चल रहा है। उधर, बस ड्राइवर फरार है। हादसे के बाद बस में सवार सभी यात्रियों को कराड़िया में नाड़ा का हनुमान मंदिर परिसर में ठहराया गया है। यात्रियों के लिए दूसरी बस की व्यवस्था की जा रही है।
हादसे के समय गहरी नींद में थे यात्री
बस में सवार रतलाम की रहने वाली सिद्धि पंवार ने बताया कि सुबह का वक्त था। बस में सवार सभी लोग सो रहे थे। जैसे ही एक्सीडेंट हुआ, सभी की एकदम नींद खुल गई। सभी लोग इमरजेंसी गेट से कूदे। सभी के सामान एक-एक करके बाहर निकाले। दुर्घटनाग्रस्त बस (सिद्धि विनायक यात्रा टूर) की सवारियों ने बताया कि 7 फरवरी को यात्रियों को लेकर प्रयागराज के लिए बस मंदसौर से रवाना हुई थी। इनमें 25 यात्री मंदसौर, 6 यात्री प्रतापगढ़ के, 6 मनासा, 1 ग्रुप रतलाम व अन्य जगह के यात्री थे। सभी लोग बुधवार रात 11 बजे आगरा से आगे निकले थे। रास्ते में रुकते-रुकते आ रहे थे। सिमलिया से पहले तड़के 5 बजे करीब टॉयलेट के लिए रास्ते में यात्री रुके। फिर बस रवाना हुई और हादसे का शिकार हो गई।
(मंदसौर से अशोक परमार की रिपोर्ट)