Highlights
- सिंधिया रविवार को ग्वालियर में बनने वाली एलिवेटेड सड़क के स्थल का मुआयना करने निकले
- महारानी लक्ष्मीबाई और सिंधिया राजघराने को लेकर तरह-तरह की चचार्एं रहीं हैं
- कई राजनेता महारानी लक्ष्मीबाई के जरिए सिंधिया राजघराने पर हमला भी करते रहे हैं
भोपाल: मध्य प्रदेश की राजनीति के लिहाज से रविवार का दिन खास रहा क्योंकि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महारानी लक्ष्मी बाई की समाधि पर पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित करके कांग्रेस के उन हमलों को कमजोर करने वाला ऐसा कदम बढ़ाया, जिसने सियासी माहौल में गर्माहट ला दी है।
सिंधिया रविवार को ग्वालियर में बनने वाली एलिवेटेड सड़क के स्थल का मुआयना करने निकले थे। इस सड़क का एक हिस्सा महारानी लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल के करीब से शुरू होने वाला है। सिंधिया जब समाधि के करीब पहुंचे तो फिर समाधि पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित करने से अपने को नहीं रोक पाए। सिंधिया ने समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की और महारानी लक्ष्मीबाई का नमन किया।
आजादी की पहली लड़ाई में बलिदान देने वाली महारानी लक्ष्मीबाई और सिंधिया राजघराने को लेकर तरह-तरह की चचार्एं रहीं हैं। कई राजनेता महारानी लक्ष्मीबाई के जरिए सिंधिया राजघराने पर हमला भी करते रहे हैं। दशकों बाद लोगों को यह पहली बार देखने और सुनने को मिला कि सिंधिया राजघराने का प्रतिनिधि महारानी लक्ष्मी बाई की समाधि स्थल पर न केवल पहुंचा, बल्कि उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
सिंधिया से नाता रखने वाले लोगों का कहना है कि सिंधिया हमेशा बड़ी लकीर खींचने पर भरोसा करते हैं और वे आरोप-प्रत्यारोप बाली राजनीति करने पर भरोसा नहीं करते हैं । जब वे रानी की समाधि स्थल पर पहुंचे तो उन्होंने उनका नमन का नमन किया और वहां पहुंचकर अपनी पुष्पांजलि अर्पित की।
वहीं कांग्रेस की ओर से सिंधिया पर लगातार हमले बोले जा रहे हैं और उनके समाधि स्थल पर जाने पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के मुख्य समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि श्रीमंत पहुंचे रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर, अब लगता है कि जय भान सिंह पवैया और महारानी लक्ष्मीबाई के अनुयाई समाधि को गंगाजल से धो सकते हैं।
सलूजा ने आगे कहा कि श्री मंत से भाजपा पद और कुर्सी के लिए क्या-क्या नहीं करवा रही है। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि सिंधिया ने महारानी लक्ष्मी बाई की समाधि पर पहुंच गए और पुष्पांजलि अर्पित करके उन लोगों के मुंह बंद करने का काम तो कर ही दिया है जो सिंधिया राजघराने पर महारानी को लेकर हमले बोलते रहे हैं, आने वाले दिनों में सिंधिया की यह सदाशयता राजनीति में न केवल नजीर बनेगी बल्कि चर्चा में भी रहेगी।