मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दो युवक संदिग्ध डिवाइस के साथ देहरादून से गिरफ्तार किए गए हैं। इस डिवाइस को बेच कर दो करोड़ में डील होनी थी। फ्रॉड करने के उद्देश्य से इस डिवाइस को काफी जटिल (Sophisticated) बनाया गया था। दोनों संदिग्ध युवकों के खिलाफ BNS की धार 270, 271 और 272 के तहत केस दर्ज किया गया है।
फ्रॉड करके कमाना चाह रहे थे पैसा
इस मामले की जानकारी देते हुए भोपाल जोन के डीसीपी प्रियंका शुक्ला ने बताया कि जांच में पाया गया की डिवाइस में कोई रेडियो एक्टिव पदार्थ नहीं था। सरवर हुसैन और सुमित पाठक ने कहा कि इन लोगों ने जानबूझकर सोफिस्टिकेटेड डिवाइस बनाई। ये दोनों इससे फ्रॉड करके पैसा कमाना चाह रहे थे।
डिवाइस से होता है मिरैकल!
इन दोनों ने भोपाल निवासी दोनों युवक और सहारनपुर के युवक को बताया कि इस डिवाइस से कुछ मिरेकल होता है। इससे पानी का रंग चेंज हो जाता है। इसके चलते यह डिवाइस महंगे में बिकती है। पुलिस को जानकारी होते ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के चार युवकों को हिरासत में लिया गया।
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र भेजी गई डिवाइस
पुलिस ने जांच के लिए संदिग्ध रेडियोएक्टिव पदार्थ से लैस डिवाइस को भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र भेजा था। डिवाइस को बेचने के लिए दिल्ली के सरवर हुसैन और आगरा के सुमित पाठक ने भोपाल के दोनों युवकों को संपर्क किया। भोपाल के जहांगीराबाद इलाके में रहने वाले जैद अली और करोंद इलाके के रहने वाले अभिषेक जैन को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
जैद और अभिषेक दो संदिग्ध गिरफ्तार
डीसीपी प्रियंका शुक्ला ने कहा कि अभिषेक के घर के दरवाजे बंद हैं। पत्नी देहरादून गई हैं। पड़ोसियों ने बताया कि वह व्यवसाय करते थे। जैद अली के घर में भी कोई नहीं था। इनके मामा ने बताया कि वह बीकॉम किया है। कपड़े का व्यापारी है। दिल्ली कपड़े खरीदने गए थे। जैद और अभिषेक दोनों आपस में दोस्त हैं। जैद ने बीकॉम किया है। भोपाल पुलिस के मुताबिक, साल 2017 में एक शादी हॉल में झगड़े का केस दर्ज हुआ था। इसके अलावा कोई केस नहीं है।