भोपाल: मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव की अगुवाई वाली बीजेपी की सरकार ने मदरसों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी करते हुए मदरसों में पढ़ रहे छात्रों के भौतिक सत्यापन का आदेश जारी किया है। इस दौरान अगर वहां फ़र्ज़ी तरीके से गैर-मुस्लिम या मुस्लिम बच्चों के नाम पाए जाते हैं या बच्चों को उनके अभिभावकों की अनुमति के बिना धार्मिक शिक्षा दी जा रही होगी तो ऐसे मदरसों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
फर्जी तरीके से गैर मुस्लिम बच्चों के भी नाम
शुक्रवार को स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि यह विषय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर), नई दिल्ली द्वारा संज्ञान में लाया गया है कि प्रदेश के मदरसों में शासकीय अनुदान प्राप्त किये जाने के उद्देश्य से अनेक गैर मुस्लिम बच्चों के नाम फर्जी रूप से छात्र/छात्राओं के रूप में दर्ज हैं। इसका शीघ्र सत्यापन कराये जाने की जरूरत है।
भौतिक सत्यापन कराया जाए
इसलिए ऐसे मदरसे जो मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं, उनका भौतिक सत्यापन कराया जाए। इस बात की जांच की जाए कि इन मदरसों में शासन से अनुदान प्राप्त करने के लिए फर्जी रूप से गैर-मुस्लिम अथवा मुस्लिम बच्चों के नाम दर्ज तो नहीं हैं। यदि ऐसे मदरसों में फर्जी रूप से बच्चों के नाम दर्ज पाए जाते हैं तो अनुदान बंद करने, मान्यता समाप्त करने एवं प्रावधानों तहत कार्रवाई की जाए।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग' (एनसीपीसीआर) ने इससे पहले दावा किया था कि राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त के उद्देश्य से मदरसे गैर-मुस्लिम बच्चों को दाखिला दे रहे हैं। छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चों का नामांकन कराया जाता है ताकि उन्हें राज्य सरकार से अधिक अनुदान मिल सके।
मदरसों में 9,000 से अधिक हिंदू बच्चे
इस साल जून में एनसीपीसीआर की रिपोर्ट में दावा किया गया कि, मध्य प्रदेश में 9,000 से अधिक हिंदू बच्चे इस्लामिक मदरसों में रजिस्टर हैं। इसके बाद आयोग ने मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से सर्वेक्षण कराने की मांग की थी।