Highlights
- 50 वर्षीय व्यक्ति के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए खटिया पर ले गए परिजन
- जिला चिकित्सालय को तोड़कर फिर से बनाने का काम महीनों से जारी है
- जिला चिकित्सालय के ऊबड़-खाबड़ कच्चे रास्ते के कारण एंबुलेंस नहीं आ पाई
MadhyaPradesh News: इंदौर में फिर से बनाए जा रहे जिला चिकित्सालय की बदहाली का मंजर गुरुवार को फिर से देखने को मिला। बारिश के बाद अस्पताल परिसर के ऊबड़-खाबड़ कच्चे रास्ते में कीचड़ जमा होने से 50 वर्षीय व्यक्ति के शव को पोस्टमॉर्टम रूम तक पहुंचाने के लिए उसके परिजनों को खटिया की मदद लेनी पड़ी। गौरतलब है कि जिला चिकित्सालय को तोड़कर फिर से बनाए जाने का काम पिछले कई महीनों से जारी है और इसमें लगातार देरी होने के कारण अस्पताल में आम लोगों के लिए सुविधाओं का अभाव है। संबंधित घटना के वीडियो में एक व्यक्ति का शव उल्टी खटिया पर रखा नजर आ रहा है जिसे चार लोग कंधा देते हुए पोस्टमॉर्टम कक्ष तक पैदल ले जा रहे हैं।
खराब रास्ते की वजह से गाड़ी नहीं आ सकी अंदर
इनमें शामिल व्यक्ति राजेश परिहार ने कहा कि जिला चिकित्सालय के ऊबड़-खाबड़ कच्चे रास्ते के कारण इस परिसर के भीतर चार पहिया गाड़ी नहीं आ सकी। इसलिए हमें शव को खटिया पर रखने के बाद सड़क से करीब आधा किलोमीटर तक कंधा देते हुए पोस्टमॉर्टम कक्ष तक लाना पड़ा।
मृतक ने फांसी लगाकर आत्महत्या किया था
सिविल सर्जन डॉ. प्रदीप गोयल ने बताया कि जिला चिकित्सालय परिसर में खटिया पर लाए गए शव की पहचान लीलाधर परिहार (50) के रूप में हुई है और उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सिविल सर्जन ने दावा किया कि जिला चिकित्सालय में जारी निर्माण कार्य के सिलसिले में बुधवार रात एक डम्पर अस्पताल परिसर में आया था जिससे इसका अंदरूनी रास्ता थोड़ा ऊबड़-खाबड़ हो गया। गोयल ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद परिहार का शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।