मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सियासी दलों में फैसलों की शुरुआत हो गई है। पहला फैसला युवा कांग्रेस में आया है, जहां विधानसभा इकाइयों के सभी अध्यक्ष और कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है। युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र दर्शन सिंह यादव ने संगठन में एक बड़ा निर्णय लेते हुए युवा कांग्रेस के सभी 230 विधानसभा अध्यक्षों को उनकी कार्यकारिणी सहित भंग कर दिया है। उनके द्वारा यह निर्णय लोकसभा और विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखते हुए लिया गया है।
किसे मिलेंगी नई जिम्मेदारी?
युवा कांग्रेस अध्यक्ष यादव ने कहा कि जिनके द्वारा विधानसभा और लोकसभा चुनाव में संगठन द्वारा चलाए गए डोर टू डोर अभियान में सक्रियता दिखाई गई और प्रभावी प्रदर्शन किया गया है, आगे भी उनकी सक्रियता बरकरार रहेगी तो संगठन में उन्हें फिर से अवसर मिल सकता है। अब ऐसे नौजवानों को संगठन में अवसर मिलेगा जो ऊर्जावान, सक्रिय होने के साथ ही उनके पास संगठन के काम के लिए पर्याप्त समय हो, साथ ही निष्ठावान भी हों।
उन्होंने आगे कहा कि संगठन की मजबूती के लिए जो भी फैसला करने की जरूरत होगी, उन्हें लेने में कोई हिचक नहीं दिखाई जाएगी। भविष्य में संगठन को अगर महसूस होगा तो आगे भी इसी तरह के कड़े निर्णय लिए जा सकते हैं। नौजवानों को संगठन से जोड़ने का मापदंड उनकी निष्ठा, सक्रिय भूमिका और उनकी मैदानी लोकप्रियता होगी।
मप्र में बीजेपी का क्लीन स्वीप, कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला
बता दें कि इससे पहले युवक कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्य के विभिन्न हिस्सों के पदाधिकारी से वन-टू-वन चर्चा की थी। उस समय भी उन्होंने कहा था कि संगठन में जिम्मेदारी सक्रियता के आधार पर दी जाएगी न कि किसी की सिफारिश के आधार पर। राज्य में अभी हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। लोकसभा की 29 सीटों में से कांग्रेस को एक भी स्थान पर सफलता नहीं मिली है। (IANS इनपुट्स के साथ)
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