भारत समेत पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में क्रिकेट के फैंस मौजूद हैं। आम तौर पर क्रिकेट को अंग्रेजो का खेल कहा जाता है। हालांकि, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में संस्कृत भाषा में क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन कराया जा रहा है। आपको जान कर हैरानी होगी कि इस टूर्नामेंट में भाग ले रही टीमों के खिलाड़ धोती कुर्ते में क्रिकेट खेल रहे हैं। आइए जानते हैं इस अनोखे क्रिकेट क्रिकेट के बाके में खास बातें।
सनातनी अंदाज में क्रिकेट
राजधानी भोपाल में संस्कृत भाषा में क्रिकेट खेलने के लिए मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों से धोती कुर्ता पहने संस्कृत भाषा के पंडितों की 16 टीमें शामिल हो रही हैं। जेंटलमेन गेम क्रिकेट अब सनातनी अंदाज में धोती कुर्ते में खेला जा रहा है। कॉमेंटेटर संस्कृत भाषा में मैच की कॉमेंट्री कर रहे हैं। दर्शक भी धोती कुर्ता पहने संस्कृत में ही खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा रहे हैं।
फुटबॉल, हॉकी भी संस्कृत में होगा
6 से 9 जनवरी तक होने वाला ये आयोजन संस्कृत क्रिकेट टूर्नामेंट का पांचवा संस्करण है। बल्लेबाज को वल्लक, बॉलर गेंदक, पिच को क्षिप्या, बाल को कुंदुकम, विकेटकीपर को स्तोभरक्षक, छक्के को षठकम, चौक को चतुष्कम, रन को धावनम और फील्डर को क्षेत्ररक्षक नाम दिए जा गए हैं। आयोजकों के मुताबिक जल्द ही फुटबॉल, हॉकी भी संस्कृत में कराया जाएगा। अभी महिला खो खो संस्कृत में कराया जाएगा।
क्रिकेट को संस्कृत में क्या कहते हैं?
दरअसल, क्रिकेट को संस्कृत भाषा में कंदुकक्रीड़ा कहते हैं। बल्ले को संस्कृत में वैट कहते हैं। गेंद को संस्कृत में कंदुकम् कहते हैं। विकेट कीपर को संस्कृत में स्तोभरक्षकः कहते हैं। शॉर्ट पिच को संस्कृत में अवक्षिप्तम् कहते हैं। कैच आउट को संस्कृत में गृहीतः कहते हैं। वाइड बाल को संस्कृत में अपकंदुकम् कहते हैं। नो बॉल को संस्कृत में नोकन्दुकम् कहते हैं। वहीं, जोरदार चौके को संस्कृत में सिद्ध चतुष्कम् कहते हैं।
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