Highlights
- सरकारी खजाने को 15.32 करोड़ रुपये का नुकसान
- दोनों आरोपी बिहार के मूल निवासी हैं
- इंदौर के सहायक जिला आबकारी अधिकारी सस्पेंड
Madhya Pradesh News: इंदौर में शराब के ठेके हासिल करने के लिए आबकारी विभाग में एक बैंक की जाली सावधि जमा रसीदें (एफडीआर) जमा कर सरकारी खजाने को 15.32 करोड़ रुपये का कथित चूना लगाने के आरोप में दो ठेकेदारों पर FIR दर्ज की गई है। पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोपों में FIR दर्ज
रावजी बाजार पुलिस थाने के प्रभारी प्रीतम सिंह ठाकुर ने बताया कि आबकारी विभाग की शिकायत के आधार पर एक निजी फर्म के दो ठेकेदारों-मोहन कुमार राय और अनिल सिन्हा के खिलाफ IPC के तहत जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोपों में FIR दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपी बिहार के मूल निवासी हैं और फिलहाल बेंगलुरु में रह रहे हैं। ठाकुर ने बताया कि ठेकेदारों पर आरोप है कि उन्होंने इंदौर में शराब के ठेके हासिल करने के लिए ICICI बैंक की 7,000 रुपये और 47,100 रुपये की FDR में जालसाजी कर इसे क्रमश: 70 लाख रुपये और 4 करोड़ 70 लाख 10 हजार रुपये की FDR के रूप में पेश किया।
15.32 करोड़ रुपये का नुकसान
थाना प्रभारी के मुताबिक ठेकेदारों द्वारा फर्जी FDR पेश कर ठेका हासिल किए जाने और अन्य गड़बड़ियों की वजह से सरकारी खजाने को कुल 15.32 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि शराब घोटाले के खुलासे के बाद इंदौर के सहायक जिला आबकारी अधिकारी राजीव उपाध्याय को "पदीय कर्तव्य और शासन के राजस्व के प्रति घोर लापरवाही’’ के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक उपाध्याय जिले में आबकारी विभाग की शराब ठेकों से जुड़ी शाखा के प्रभारी थे।