इंदौर (मध्य प्रदेश): कोविड-19 की दूसरी लहर के घातक प्रकोप के बीच यहां दान में मिले करीब पांच करोड़ रुपये के सामान से सूबे का सबसे बड़ा कोविड-19 देखभाल केंद्र बनकर तैयार है। महामारी की रोकथाम के लिए राज्य सरकार की गठित सलाहकार समिति के एक सदस्य ने सोमवार को यह जानकारी दी। खास बात यह है कि प्रदेश में कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित जिले में कोविड देखभाल केंद्र गत्ते के उन पलंगों से तैयार किया गया है जिन्हें इस्तेमाल के बाद आसानी से नष्ट किया जा सकता है।
कोविड-19 सलाहकार समिति के सदस्य डॉ निशांत खरे ने यहां संवाददाताओं को बताया कि यह केंद्र खंडवा रोड के एक सामुदायिक सत्संग परिसर में गत्ते के पलंगों से पखवाड़े भर के भीतर तैयार किया गया है और यह राज्य भर में अपनी तरह की सबसे बड़ी इकाई होगी। उन्होंने बताया कि इस केंद्र की कुल क्षमता 6,000 बिस्तरों की होगी। हालांकि, पहले चरण में अगले दो-तीन दिन के भीतर 600 बिस्तरों से इसकी शुरुआत की जाएगी।
खरे ने बताया, "कोविड देखभाल केंद्र शुरू करने के लिए औद्योगिक समूहों, कारोबारी संगठनों और सामाजिक संस्थाओं ने करीब पांच करोड़ रुपये का सामान दान में दिया है। इनमें मरीजों के कपड़ों और बिस्तरों से लेकर ऑक्सीजन मशीनें तक शामिल हैं। इस केंद्र में दो ऑक्सीजन संयंत्र भी बनाए जा रहे हैं।" सलाहकार समिति के सदस्य ने बताया कि कोविड देखभाल केंद्र में खासकर हल्के लक्षणों वाले उन मरीजों को रखा जाएगा, जिनके घर छोटे होने के कारण वे पृथक-वास में नहीं रह सकते।
उन्होंने बताया कि कोविड देखभाल केंद्र में चिकित्सा और नर्सिंग सुविधाओं का जिम्मा शहर के चार निजी अस्पतालों को सौंपा गया है। गौरतलब है कि यह केंद्र ऐसे वक्त शुरू किया जा रहा है, जब संक्रमितों की तादाद में भारी उछाल के चलते इंदौर में अस्पतालों के बिस्तरों, मेडिकल ऑक्सीजन, रेमडेसिविर दवा और अन्य जरूरी संसाधनों की बड़ी कमी महसूस की जा रही है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक महामारी के कुल 91,015 मरीज मिले हैं। इनमें से 1,054 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।