Highlights
- नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हम किसी धर्म और मजहब के खिलाफ नहीं हैं।
- मंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति शुरू से ही वसुधैव कुटुंबकम की रही है।
- मध्य प्रदेश से पीएफआई से जुड़े कुल 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
जबलपुर: मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने एक ऐसा बयान दिया है जो सूबे की सियासत में खलबली मचा सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक के सरसंघचालक मोहन भागवत के मस्जिद जाने के मामले पर मिश्रा ने कहा कि यह स्पष्ट सोच पहले से ही रही है कि मुस्लिम से बैर नहीं और आतंकवादियों की खैर नहीं। प्रदेश के गृह मंत्री ने कहा कि हम किसी धर्म और मजहब के खिलाफ नहीं हैं। मिश्रा ने जबलपुर में कहा कि भागवत का मस्जिद जाना यह बताता है कि हम रहीम और रसखान के उपासक रहे हैं।
एमपी से पकड़े गए थे 4 लोग
मंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति शुरू से ही वसुधैव कुटुंबकम की रही है। राज्य के इंदौर और उज्जैन में NIA और एटीएस की PFI से जुड़े लोगों के खिलाफ हुई कार्रवाई का जिक्र करते हुए मिश्रा ने कहा कि इंदौर और उज्जैन से 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह NIA और ATS की संयुक्त कार्रवाई थी। इस कार्रवाई में अब्दुल करीम, अब्दुल सादिक, मुहम्मद जावेद और मुहम्मद जमील को पकड़ा गया है। इनमें 3 इंदौर और एक उज्जैन से है। इन सभी पर आरोप है कि ये देशविरोधी गतिविधियों में शामिल थे।
PFI के 106 नेता हुए गिरफ्तार
बता दें कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की अगुवाई में कई एजेंसियों ने गुरुवार को 15 राज्यों में 93 जगहों पर एक साथ छापे मारे और देश में आतंकवाद की फंडिंग में कथित तौर पर शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने इस बारें में जानकारी देते हुए बताया कि केरल में PFI के सबसे अधिक 22 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में इसके अध्यक्ष ओ. एम. अब्दुल सलाम भी शामिल हैं। अधिकारियों ने PFI के खिलाफ इसे ‘अब तक का सबसे बड़ा अभियान’ करार दिया।
केरल से हुई हैं 22 गिरफ्तारियां
अधिकारियों ने कहा कि NIA, ED और संबंधित राज्यों की पुलिस ने गिरफ्तारियां की हैं। उन्होंने बताया कि जिन राज्यों छापेमारी की गई है, उनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, पश्चिम बंगाल, बिहार और मणिपुर शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि सबसे अधिक गिरफ्तारी केरल (22) में की गई। इसके अलावा महाराष्ट्र (20), कर्नाटक (20), तमिलनाडु (10), असम (9), उत्तर प्रदेश (8), आंध्र प्रदेश (5), मध्य प्रदेश (4), पुडुचेरी (3), दिल्ली (3) और राजस्थान (2) में गिरफ्तारी की गईं।