Highlights
- अर्थ मूविंग मशीन चालकों को दो-दो लाख रुपये इनाम देने की घोषणा
- अपनी जान खतरे में डाल बनाया रास्ता
- 304 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा डैम का निर्माण
Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने धार जिले में बांध की दीवार में दरार के बाद आपदा को टालने की प्रक्रिया में जुटे अर्थ मूविंग मशीन चालकों को दो-दो लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। राजधानी भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में सोमवार को भारी बारिश के बीच स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए शिवराज ने कहा कि तीन दिन पहले कारम नदी पर निर्माणाधीन बांध में रिसाव की सूचना के बाद बड़ा खतरा सामने आया था, ‘लेकिन अब यह खतरा टल गया है, जो आपदा प्रबंधन का सबसे अच्छा उदाहरण है।’
अपनी जान खतरे में डाल बनाया रास्ता
उन्होंने कहा, “पोकलेन मशीन के चालकों ने बांध से पानी की सुरक्षित निकासी के लिए रास्ता बनाने और आपदा को रोकने के वास्ते अपने जीवन को खतरे में डाल दिया। प्रदेश सरकार अर्थ मूविंग मशीन के इन चालकों को दो-दो लाख रुपये का इनाम देगी।” अधिकारियों ने रविवार को बताया था कि बांध की दीवार में दरार और पानी के रिसाव का पता चलने के बाद उससे पानी निकालने के लिए एक नहर खोदी गई, ताकि बांध के फटने की आशंका टाली जा सके। रविवार तड़के इस नहर के जरिए बांध से पानी निकलना शुरू हो गया।
304 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा डैम का निर्माण
वहीं, शिवराज ने रविवार को कहा था कि चिंता करने की जरूरत नहीं है और जलाशय से पानी निकालने के प्रयास जारी हैं। अधिकारियों ने बताया कि धार जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित बांध में दरार आने की सूचना गुरुवार को मिली थी, जिसके बाद नीचे की ओर स्थित 18 गांवों को चेतावनी जारी की गई थी। इनमें धार जिले के 12 और खरगोन जिले के 6 गांव शामिल थे, जिनके जलमग्न होने का खतरा था। कारम नदी पर बन रहे बांध का निर्माण 304 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है।
विपक्षी दल कांग्रेस ने बांध परियोजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट से नैतिक आधार पर इस्तीफा देने को कहा है। पार्टी ने बांध निर्माण का ठेका कथित तौर पर एक ‘भ्रष्ट’ फर्म को दिए जाने की जांच करने की भी मांग की है।
जानिए मामला
मध्यप्रदेश के धार जिले के कारम बांध से शनिवार देर रात पानी निकलना शुरू हो गया। इसमें बांध के ठेके से लेकर निर्माण तक में बड़ी लापरवाही सामने आई है। जल संसाधान विभाग के मंत्री तुलसी सिलावट ने विशेषज्ञों की टीम बना दी है। जांच में जो भी दोषी निकलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। धार के कारम बांध साइट पर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बांध का ठेका एनएनएस कंपनी को दिया गया था। इसने सारथी कंस्ट्रक्टशन कंपनी को काम सौंप दिया। इस कंपनी ने पेटी कांन्ट्रेक्ट पर तीसरी एजेंसी को काम सौंप दिया।
जल संसाधन विभाग के ईएनसी एमएस डाबर ने कहा कि बांध के निर्माण की मॉनीटरिंग की जा रही थी। हम अनुबंध के अनुसार एजेंसी पर कार्रवाई करेंगे। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि फिर बांध निर्माण के स्पेशिफिकेशन में गड़बड़ी कैसे हो गई। इस मामले में जल संसाधन विभाग के मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि बाध से कट लगाकर पानी निकाला जा रहा है। अभी खतरा टल गया है। बांध के पानी को खतरे के स्तर से नीचे लाने के बाद जल्द ही गांव के लोगों को वापस उनके घरों में भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बांध निर्माण में गड़बड़ी की जांच करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम बना दी है। उसकी अनुशंसा के अनुसार किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।