Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में भिंड पुलिस ने एम्बुलेंस के अभाव में एक परिवार द्वारा एक बुजुर्ग व्यक्ति को ठेले पर ले जाने वाली खबर प्रकाशित करने को लेकर तीन पत्रकारों के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया है। दबोह पुलिस थाने के हेड कांस्टेबल कमलेश कुमार ने सोमवार को बताया कि स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारी राजीव कौरव की शिकायत के बाद पत्रकार कुंजबिहारी कौरव, अनिल शर्मा और एन. के भटेले के खिलाफ 18 अगस्त को एक प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता(IPC) की धारा 420 और 505 तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम(IT Act) के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जांच के लिए राजस्व एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की बनाई समिति
प्राथमिकी(FIR) के अनुसार, शिकायतकर्ता ने कहा कि इन पत्रकारों ने 15 अगस्त को एक समाचार प्रकाशित और प्रसारित किया कि गया प्रसाद (76) के परिवार को उन्हें एक ठेले पर अस्पताल ले जाना पड़ा, क्योंकि उन्हें एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई और पीड़ित को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला। प्राथमिकी में कहा गया है कि समाचार के प्रकाशन और प्रसारण के बाद, जिला प्रशासन ने समाचार की जांच के लिए राजस्व एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की एक समिति गठित की।
प्राथमिकी के अनुसार, समिति ने समाचार गलत पाया, क्योंकि प्रसाद के बेटे पूरन सिंह ने कहा कि उन्होंने एम्बुलेंस के लिए कॉल नहीं की। उनके पिता एवं परिवार को वृद्धावस्था पेंशन जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। प्राथमिकी के मुताबिक, इसके अलावा गया प्रसाद के परिजन उन्हें सरकारी अस्पताल नहीं, बल्कि एक निजी अस्पताल ले गए थे।
एक पत्रकार ने धमकी देकर दबाव बनाने का लगाया आरोप
एक न्यूज चैनल के लिए काम करने वाले अनिल शर्मा ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने गया प्रसाद के परिवार के सदस्यों को सरकारी योजना का लाभ रोकने की धमकी देकर उन पर दबाव बनाया। उन्होंने दावा किया कि झूठे आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस बीच, मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ.गोविंद सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने गया प्रसाद के परिवार पर पत्रकारों के खिलाफ गलत बयान देने का दबाव बनाया। उन्होंने कहा कि यह मीडिया की आवाज को दबाने की कार्रवाई है और कांग्रेस इन पत्रकारों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करेगी।
सत्तारूढ़ भाजपा की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रमेश दुबे ने भी पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की निंदा की और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मामले में प्रतिक्रिया के लिए भिंड जिला कलेक्टर सतीश कुमार एस से संपर्क नहीं हो सका।