Madhya Pradesh Election 2023: मध्य प्रदेश में हुए चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। उससे पहले एग्जिट पोल जारी किए गए हैं। एग्जिट पोल के आंकड़े आने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा दोहराया है। उन्होंने कहा कि बहुत से एग्जिट पोल में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती हुई नजर आ रही है, जबकि कुछ एग्जिट पोल अन्य तरह की बात कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें हैं। राज्य में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 116 सीटें जीतकर बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल करना होगा।
"कांग्रेस को मिला एक-एक वोट सही से गिना जाए"
कमलनाथ ने ट्वीट किया, "कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं को मैं उनका बल याद दिलाना चाहता हूं। आप लोग कांग्रेस की शक्ति हैं और आपकी मेहनत और समर्पण से ही जनता ने कांग्रेस पार्टी के समर्थन में जमकर वोट डाला है। 3 दिसंबर को जब मतगणना शुरू होगी, तो कांग्रेस की सरकार पर जनता की मोहर लग जाएगी। मैंने हमेशा आपसे कहा है कि देश विजन से चलता है, टेलीविजन से नहीं। बहुत से एग्जिट पोल में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती हुई दिखाई दी है, जबकि कुछ एग्जिट पोल अन्य तरह की बात कर रहे हैं। आपको इस सबसे अपना ध्यान भटकने नहीं देना है। अर्जुन की तरह आपको निगाहें सिर्फ अपने लक्ष्य पर रखनी है। आपको अपना पूरा ध्यान मतगणना के दिन पर लगाना है और यह सुनिश्चित करना है कि कांग्रेस को मिला एक-एक वोट सही से गिना जाए और प्रदेश में प्रचंड बहुमत से कांग्रेस की सरकार बने। जय कांग्रेस, विजय कांग्रेस।"
मध्य प्रदेश में कांग्रेस को कितनी सीटें मिल रही?
मध्य प्रदेश प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर एक ही फेज में 17 नवंबर को मतदान हुआ था। इंडिया टीवी-CNX के एग्जिट पोल में बीजेपी बड़ी जीत की ओर बढ़ती नजर आ रही है। इंडिया टीवी-CNX के एग्टिज पोल के मुताबकि, बीजेपी एक बार फिर सत्ता में वापसी करती दिख रही है और इस बार स्पष्ट बहुमत हासिल कर सकती है। इंडिया टीवी के एग्जिट पोल में बीजेपी को 140 से 159 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को 70 से 89 सीटें मिलती दिख रही है, जबकि अन्य के खाते में 0-2 सीट जा सकती है।
2018 चुनाव में कांग्रेस को मिली थी सबसे ज्यादा सीटें
बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में 114 सीटें जीतकर कांग्रेस राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, जबकि 230 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के खाते में 109 सीटें आई थीं। बाद में कांग्रेस ने 121 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा था और कमलनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली थी, लेकिन फिर डेढ़ साल बाद ही राज्य में नया राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक 22 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। इससे बहुमत बीजेपी के पास पहुंच गया और शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर सूबे के मुख्यमंत्री बन गए।
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