मध्य प्रदेश: इंदौर के बेलेश्वर मंदिर में गुरूवार को रामनवनी के दिन बावड़ी की छत धंसने से हुए हादसे में 36 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस घटना के बाद प्रशासन अब पुरानी बावड़ी, कुएं, खुले नलकूपों की जानकारी जुटाने में लग गया है। नर्मदापुरम जिला प्रशाासन ने पुरानी बावड़ी, कुआ, खुले नलकूपों का सर्वें करा रहा है, जो असुरक्षित ढंग से बंद किए गए हैं। ताकि भविष्य में फिर से ऐसी कोई घटना ना हो।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कड़े निर्देश के बाद सोमवार की सुबह पटेल नगर के निर्माणाधीन मंदिर और बावड़ी पर कार्रवाई की गई जिसमें भारी पुलिस बल के साथ पहुंची नगर निगम की टीम ने निर्माणाधीन मंदिर के हिस्से को तोड़ने के साथ पुराने मंदिरों से मूर्तियों की शिफ्टिंग कर दी। रविवार को ही मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को दो टूक कहा था कि इंदौर जैसी घटना अब कहीं नहीं होना चाहिए। बता दें कि जिस बावड़ी के धंस जाने से 36 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी, उसे भी निगम पूरी तरह हमेशा के लिए बंद करेगा क्योंकि इस बावड़ी को अब शापित माना जा रहा है।
रामनवमी के दिन हुई इस बड़ी घटना के बाद नगर निगम की टीम सोमवार की सुबह करीब छह बजे पुलिस के दल-बल के साथ अवैध निर्माण तोड़ने पहुंची। बताया जाता है कि एक स्थानीय निवासी ने मंदिर का नव निर्माण तोड़ने का विरोध किया तो उसे पुलिस ने मौके पर लट्ठ मारकर भगा दिया। कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया और कानून- व्यवस्था संभालने के लिए जूनी इंदौर, भंवरकुंआ, रावजी बाजार सहित चार थानों की पुलिस को तैनात किया गया ।अवैध निर्माण को हटाने के लिए पांच से अधिक पोकलेन मशीनों से कार्रवाई की गई।
बता दें कि बेलेश्वर मंदिर में गुरुवार को बावड़ी धंसने से करीब 36 लोगो की मौत हो गई थी और करीब 19 लोग घायल हो गए थे। इस बड़ी घटना ने अवैध निर्माण को लेकर प्रशासन की नींद खोल दी है, जिसके बाद पूरी मुस्तैदी से प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की है।
जानकारी के मुताबिक, रविवार की रात 12 बजे ही प्रशासन की तरफ से नोटिस चिपकाया गया था और जेसीबी मंगा लिए गए थे। फिर सोमवार की सुबह 6 बजे कारवाई शुरू कर दी गई। हर घर के आगे पुलिस मौजूद रही। पहले निर्माणाधीन मंदिर की दीवारें तोड़ी गई और फिर आम बावडी वाले मंदिर से मूर्तियों को हटाया गया है।
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