भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में 5 महीने बाकी हैं लेकिन कांग्रेस में तोड़फोड़ शुरू हो चुकी है। कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ बयानबाजी करने वाले डिंडोरी जिले के कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी ने निष्कासित किया तो वह सरकार की शरण में पहुंच गया। उसने राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को फोन लगा दिया और कॉल कर फूट-फूट कर रोया। उसने कहा कि बचा लो,सुरक्षा दे दो, मेरा साथ दे दो।
सामने आई कांग्रेस की गुटबाजी
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी उम्मीद थी इस यात्रा के सहारे कमजोर पड़ी कांग्रेस भी जुड़ जाएगी। कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह प्रदेश में यात्राएं भी कर रहे हैं ताकि नाराज कांग्रेसी जुड़ जाए ऐसे में डिंडोरी जिले की एक घटना ने कांग्रेस की गुटबाजी को सामने ला दिया। जब कांग्रेस से निष्कासित किए जाने पर पूर्व जिला अध्यक्ष वीरेंद्र बिहारी शुक्ला सरकार की शरण में पहुंचे और गृहमंत्री को फोन पर ही रोते हुए कमलनाथ के प्रति अपनी व्यथा सुनाने लगे।
रोने लगे कांग्रेस से निष्कासित नेता, नरोत्तम मिश्रा ने दिया दिलासा
उन्होंने नरोत्तम मिश्रा को फोन कर कहा-'बिना कारण मुझे पद से हटा दिया गया, कमलनाथ जी को मुझे पद से हटाने का अधिकार नहीं है। कांग्रेस को प्राइवेट पॉपर्टी या कंपनी की तरह चलाया जा रहा है। अनर्गल बयानबाजी का आरोप लगाकर मुझे पार्टी से निकाल दिया गया। सोशल मीडिया के माध्यम से मेरे आरोप लगाया कि अप्रैल और मई माह में मुझे भोपाल में पुलिस ने पकड़ा था। इस बीच अपनी बात सुनाते-सुनाते पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष रो पड़े। इस पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें दिलासा दिया कि वे उनके साथ हैं। वे घबराएं नहीं।
खुद को हटाए जाने से नाराज पूर्व जिला अध्यक्ष महोदय ने डिंडोरी थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है। सोशल मीडिया में छवि खराब कर चरित्र हनन की शिकायत का केस दर्ज करने की मांग की गई है। इतना ही नहीं कमलनाथ को तानाशाह बताते हुए परिवार का भय बताया है।
कर्नाटक की हार से निराश बीजेपी को इस फोन कॉल के जरिए एक बार फिर कांग्रेस की गुटबाजी को सामने लाने का मौका मिला। नरोत्तम मिश्रा ने कहा- आपका जिला अध्यक्ष था कमलनाथ जी, आपको तानाशाह कह दिया तो आप इतने बड़े डिक्टेटर हो गए हैं कि चरित्र हत्या की कोशिश करने में लगे हैं। आपका दोहरा रूप सामने आ गया है। आपके कार्यकर्ताओं के सामने या तो जय-जय कमलनाथ बोलें और नहीं तो अनुशासनात्मक कार्यवाही कर आपका सोशल मीडिया सेल चरित्र हत्या करता है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, कांग्रेस के खिलाफ और उनके बड़े नेताओं के खिलाफ बयानबाजी को लेकर कांग्रेस ने 26 मई को पत्र जारी करते हुए डिंडोरी कांग्रेस जिला अध्यक्ष वीरेंद्र बिहारी शुक्ला को हटा दिया था। जिसके बाद 27 मई को वीरेंद्र बिहारी शुक्ला के हटाये जाने के विरोध में डिंडोरी जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते सहित पांच लोगों ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपनी चिट्ठी में कमलनाथ को तानाशाह बताया था। वहीं 28 मई को कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने अपने ही साथी को भाजपा का एजेंट बता दिया था।
जिसके बाद 29 मई को एक पोस्ट सोशल मीडिया में वायरल होता है जिसे कांग्रेस आईटी सेल नरसिंहपुर के कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया में शेयर कर वीरेंद्र बिहारी शुक्ला के चरित्र के ऊपर आरोप लगाते हुए बीजेपी से मदद लेने की बात कही थी। इस मामले में 29 मई को वीरेंद्र बिहारी शुक्ला ने कमलनाथ और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उनके चरित्र हनन ओर मानसिक और शारीरिक परेशान करने की शिकायत करते हुए डिंडोरी कोतवाली थाना में लिखित शिकायत दर्ज कर कार्यवाही की मांग की थी।
भले ही चुनाव में 5 महीने बाकी हो सत्ता अभी कोसों दूर हो लेकिन संभावित सत्ता का संघर्ष कांग्रेसियों में दिखाई देने लगा है। ऐसे मैं राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का असर कम से कम कांग्रेस मैं और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में आपस में जोड़ने के स्तर पर तो नहीं दिखाई दे रहा।