मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट विस्तार कर सकते हैं। माना जा रहा है कि शिवराज इस विस्तार से राज्य में जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन को साधना चाहते हैं। आइए जानते हैं कौन हैं वो विधायक जिन्हें शिवराज सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है।
गौरी शंकर बिसेन
बिसेन बालाघाट से 7 बार विधायक और 2 बार सांसद रह चुके हैं। वह 2013 की शिवराज सरकार में मंत्री भी थे। गौरी शंकर बिसेन को महाकौशल क्षेत्र और ओबीसी वर्ग को प्रतिनिधित्व देने के लिए शिवराज सरकार में मंत्री का पद दिया जा सकता है।
राजेन्द्र शुक्ल
सीएम शिवराज के खेमे से माने जाने वाले राजेंद्र शुक्ल 2003 में राज्य मंत्री थे। इसके अलावा 2008 व 2013 में भी मंत्री रह चुके हैं। राजेंद्र शुक्ल को राज्य के ब्राह्मण वोटरों को साधने और विंध्य को प्रतिनिधित्व देने के लिए मंत्री का पद दिया जा सकता है।
राहुल सिंह लोधी
उमा भारती के भतीजे राहुल लोधी पहली बार के विधायक है। लोधी वोटरों, उमा भारती व उनके समर्थकों को साधने और बुंदेलखंड को प्रतिनिधित्व देने के लिए लोधी को भी शिवराज सरकार में मंत्री का पद दिया जा सकता है।
जालम सिंह पटेल
लोधी समुदाय से एक और नाम केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के भाई जालम सिंह पटेल का भी है। आदिवासी वर्ग को साधने के लिए भी नाम आगे आ सकता है।
क्यों हो रहा विस्तार?
चुनाव से 3 महीने पहले शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार की बड़ी वजह अमित शाह के प्रदेश में चार दौरे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, शाह ने उन्होंने दिग्गज भाजपा नेताओं को उनके जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन के आधार पर कैबिनेट में जगह देने के निर्देश दिए थे। बता दें कि एमपी मंत्रिमंडल में कुल 35 स्थान हैं। इनमें से 30 मंत्री और 1 सीएम शिवराज खुद हैं। वहीं, 4 मंत्री पद खाली हैं।
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