लोकसभा चुनाव 2024 के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि गांधी परिवार में दरार पड़ चुकी है। इसका असर कांग्रेस के सीट बंटवारे से लेकर चुनाव प्रचार में दिख रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अमेठी और रायबरेली में सीट बंटवारे को लेकर जो तस्वीर सामने आई है। उससे यही समझ आता है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बीच मनमुटाव चल रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों के पोस्टर अलग-अलग लग रहे हैं। दोनों के चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन सिर्फ राहुल ने पर्चा भरा। रॉबर्ट वाड्रा भी चुनाव लड़ना चाहते थे। उन्होंने खुद इसके संकेत दिए थे, लेकिन उन्हें भी टिकट नहीं मिला।
मोहन यादव ने हिंदुत्व का नया चेहरा कहे जाने पर कहा कि वह सभी को साथ लेकर चलते हैं। अगर उनकी पार्टी और साथी नेता किसी भगवान से अच्छी चीजें सीखने की बात करता है तो इसमें क्या आपत्ति है। अपने यादव होने पर उन्होंने कहा कि उन्हें तैरना, पढ़ना-लिखना, कुश्ती आता है। यादव होने के सही मायने तभी हैं, जब आपको ये चीजें आती हों।
राहुल को कहा रणछोर
अमेठी से चुनाव नहीं लड़ने पर मोहन यादव ने राहुल गांधी को रणछोर करार दिया। उन्होंने कहा कि जब वह अमेठी में स्मृति ईरानी के लिए प्रचार करने गए थे, तब स्मृति ने उनसे कहा था " मैं को मान कर चल रही थी कि राहुल गांधी नहीं आएंगे, लेकिन आप प्रचार के लिए आ गए हैं अब तो वह किसी हालत में नहीं आएंगे। यह ऐसे रणछोर हैं, जो रण में नहीं आते पीठ पीछे वार करते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि अमेठी में पिछले पांच साल में लगातार काम हुआ है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के चटार उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। ऐसे में राहुल किसी सूरत में नहीं आने वाले थे।
यादव वोट बैंक लक्ष्य नहीं
मोहन यादव से जब पूछा गया कि क्या बिहार और उत्तर प्रदेश के यादवों को साधने के लिए उन्हें सीएम बनाया गया है तो उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस और विपक्षी दलों का दिया हुआ नैरेटिव है। पीएम मोदी की अगुआई में बीजेपी सबका साथ सबका विकास का लक्ष्य रखती है और करके भी दिखाया है। वह किसी एक समाज, राज्य या क्षेत्र के साथ नहीं बंधे हैं। वह सभी के लिए काम करना चाहते हैं।
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