भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कहा कि वह जल्द ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में चौहान ने यहां संवाददाताओं को बताया, ''जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।'' उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार की तिथि हालांकि नहीं बताई। चौहान ने 23 मार्च को अकेले मुख्यमंत्री की शपथ ली थी और कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगे देश व्यापी लॉकडाउन के कारण इसके 29 दिन बाद 21 अप्रैल को पांच सदस्यीय मंत्रिपरिषद का गठन कर सके थे, जिनमें से कांग्रेस छोड़ भाजपा में आये पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के दो मंत्री तुलसी सिलावट एवं गोविन्द सिंह राजपूत शामिल हैं।
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चौहान ने अपने मंत्रिमंडल के विस्तार के संबंध में मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा एवं प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत से पिछले दो—तीन दिनों तक लंबी मंत्रणा भी की है। उन्होंने कहा कि इस विस्तार में 22 से 24 मंत्री बनाये जा सकते हैं, जिनमें से करीब 10 मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार बैठक में मंत्रियों के नाम भी लगभग तय हो गये हैं और संभावित मंत्रियों की सूची पार्टी आलाकमान को भी भेज दी गई है।
पार्टी आलाकमान से मुहर लगने के बाद मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के इस विस्तार में जिन भाजपा विधायकों को जगह मिल सकती है, उनमें पूर्व मंत्रीगण गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह एवं यशोधराराजे सिंधिया शामिल हैं। 21 अप्रैल को हुए कैबिनेट गठन में इन वरिष्ठ भाजपा नेताओं को जगह नहीं मिल पाई थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस की सरकार गिराने एवं भाजपा की सरकार आने में मुख्य भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया मंत्रिमंडल में अपने खेमे के कम से कम 10 और वफादारों को शामिल करवाना चाहते हैं।
हालांकि, तत्कालीन कमलनाथ सरकार के छह मंत्री कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। भाजपा के सूत्रों ने बताया कि सिंधिया खेमे से महेन्द्र सिंह सिसौदिया, प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी एवं प्रद्युमन सिंह तोमर को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। ये चारों कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की पूर्व कांग्रेस सरकार में मंत्री थे। उन्होंने कहा कि इनके अलावा, सिंधिया खेमे के ऐदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव एवं रणवीर जाटव को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
ये सभी उन 22 बागी कांग्रेस विधायकों में शामिल थे जो विधानसभा की सदस्यतता से इस्तीफा देने के बाद मार्च में भाजपा में आये हैं, जिससे कमलनाथ की 15 महीने की सरकार अल्पमत में आ गई थी और उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से 20 मार्च को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 23 मार्च को चौहान के नेतृत्व में भाजपा नीत सरकार सत्ता में आई और 24 मार्च को उन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया।