भोपाल: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मध्य प्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 10 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। इससे पहले पार्टी 9 उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है। कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष ओर मंत्री रहे महेंद्र बौद्ध को भी बसपा ने भांडेर से टिकट दिया है। महेंद्र बौद्ध ने हाल ही में कांग्रेस का टिकिट न मिलने से नाराज होकर कांग्रेस छोड़ी है।
मध्य प्रदेश उपचुनाव: अंबाह विधानसभा सीट से किन्नर नेहा चुनाव मैदान में, प्रचार किया शुरू
मध्य प्रदेश में तीन नवंबर को 28 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में किन्नर नेहा (29) एक बार फिर मुरैना जिले की अंबाह विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में होंगी। उन्होंने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट के लिए शुक्रवार से अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। नेहा के मैदान में उतरने से इस बार भी पिछले चुनाव की तरह इस सीट पर मुकाबला रोचक हो सकता है, क्योंकि वह भाजपा, कांग्रेस एवं बसपा को इस सीट पर कड़ी टक्कर दे सकती हैं। नेहा का नाता बेड़िया समाज से है। यहां इस वर्ग के मतदाता ज्यादा संख्या में हैं।
वह इलाके में ‘नेहा किन्नर’ के नाम से मशहूर हैं। प्रदेश में नवंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और उपविजेता रही थीं। तब वह कांग्रेस के उम्मीदवार कमलेश जाटव से मात्र 7,547 मतों से पराजित हुई थीं। उनके प्रवक्ता रामपाल सिंह तोमर ने कहा कि नेहा ने आज मुरैना जिले के पोरसा में प्रसिद्ध नागाजी मंदिर में पूजा-अर्चना कर अपना चुनाव प्रचार शुरू किया। नेहा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अंबाह सीट से उपचुनाव लड़ने जा रही हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने इलाके में सामाजिक समरसता का माहौल बनाना चाहती हूं। मैं गरीबों को सशक्त बनाना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि सरकार द्वारा गरीबों के लिए चालू की गईं विभिन्न योजनाओं का लाभ उनको मिले। जनता को सुविधाएं उपलब्ध कराना मेरी पहली प्राथमिकता होगा।’’ नेहा ने कहा, ‘‘पूरे मुरैना जिले में कमजोर और गरीबों का शोषण होता है। मैं चुनाव जीतने के बाद अंबाह में इसे खत्म करना चाहती हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार मैंने कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश जाटव को कड़ी टक्कर दी थी। मैं उनसे केवल 7,547 वोटों से चुनाव हार गई थी।’’
नेहा ने कहा, ‘‘इस बार मैं उपचुनाव जीतूंगी।’’ गौरतलब है कि देश की पहली किन्नर विधायक शबनम मौसी मध्य प्रदेश से ही बनी थीं। इसके अलावा, देश में मध्य प्रदेश से ही पहली किन्नर कमला जान महापौर बनी थीं। जिन 28 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें से 25 सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देकर भाजपा में जाने से खाली हुई हैं, जबकि दो सीटें कांग्रेस के विधायकों के निधन से और एक सीट भाजपा विधायक के निधन से रिक्त हुई है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके कारण कमलनाथ ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। फिर 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनी। इसके बाद कांग्रेस के तीन अन्य विधायक भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से वर्तमान में भाजपा के 107 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 88, चार निर्दलीय, दो बसपा एवं एक विधायक सपा का है।