मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम लगभग साफ होना शुरू हो गए हैं। चुनाव मतगणना के शुरुआती रुझान में भाजपा भारी बहुमत की ओर बढ़ रही है। दूसरी ओर कांग्रेस दहाई के आकड़ों में ही सिमटती हुई नजर आ रही है। ऐसे में मध्य प्रदेश में करीब 2 दशकों से सत्ता में विराजमान भाजपा की मेहनत की चर्चा चारों ओर हो रही है। हालांकि, इस चुनाव के परिणाम में एक शख्स की मेहनत की भी बात हो रही है और वो हैं केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव। आइए जानते हैं कि कैसे वैष्णव ने पर्दे के पीछे से मध्य प्रदेश की पूरी बाजी ही पलट डाली।
एमपी चुनाव के सह प्रभारी
भारतीय जनता पार्टी ने बीते जुलाई महीने में अश्विनी वैष्णव को मध्य प्रदेश चुनाव के लिए पार्टी का सह प्रभारी बनाया था। बता दें कि अश्विनी वैष्णव पूर्व में प्रशासकीय अधिकारी रहे हैं, वे वाजपेयी के निजी सचिव भी रहे हैं। ऐसे में उनकी प्रशासनिक कुशलता को भाजपा अच्छे से जानती थी। उन्होंने एमपी चुनाव के लिए केंद्रीय और राज्य स्तर बेहतरीन समन्वय बैठाया और पार्टी के निर्णयों का जमीनी स्तर पर पालन कराया।
क्या रही वैष्णव की रणनीति?
जानकार बताते हैं कि अब से कुछ महीनों पहले तक मध्य प्रदेश में भाजपा का मनोबल काफी नीचे था। ऐसे में वैष्णव का काम सबसे पहले कार्यकर्ताओं के भीतर उत्साह भरने का था। उन्होंने ठीक ऐसा ही किया। वैष्णव ने पार्टी कार्यकर्ताओं के डोर-टू-डोर कैंपेन को भी संभाला और राज्य के हर जमीनी स्तर तक पहुंचे। वैष्णव और पार्टी कार्यकर्ताओं की इसी मेहनत का परिणाम है कि आज भाजपा फिर से मध्य प्रदेश में मजबूत स्थिति में चल रही है।
परिणाम पर क्या बोले वैष्णव?
मध्य प्रदेश चुनाव के परिणाम पर अश्विनी वैष्णव ने भी बयान जारी किया है। वैष्णव ने कहा कि भाजपा की प्रचंड जीत हुई है। हमें इस बात का पूर्ण विश्वास था कि मध्य प्रदेश के जन-जन के मन में भाजपा को लेकर विश्वास है। उन्होंने कहा कि एमपी के मन में मोदी और मोदी के मन में एमपी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकार तली 18 सालों से अच्छा काम हुआ। शिवराज और डबल इंजन की सरकार ने किया उसका आशीर्वाद मध्य प्रदेश की जनता ने दे दिया है।