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कमलनाथ ने किया बड़ा दावा, बोले- सरकार गिराने के लिए हुई थी करोड़ों रुपये की पेशकश

मध्य प्रदेश चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ऐसे में राजनेता जमकर एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने में लगे हुए हैं। एक रैली के दौरान पूर्व सीएम ने दावा किया कि उनकी सरकार गिराने के लिए करोड़ों रुपये की पेशकश की गई थी।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Updated on: November 13, 2023 16:09 IST
Kamal Nath- India TV Hindi
Image Source : PTI पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ

भोपाल: मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे राजनेता एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहे हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने सोमवार को दावा किया कि 2020 में उनकी सरकार को गिराने के लिए एक बड़ा सौदा हुआ था। उन्होंने कहा कि कुछ विधायकों ने उनसे संपर्क किया और बताया कि उन्हें करोड़ों रुपये की पेशकश की गई थी लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया, भले ही उन्हें पद गंवाना पड़े।

रैली के दौरान किया दावा

जानकारी दे दें कि कमलनाथ नर्मदापुरम जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। यहां रैली को संबोधित करते हुए, कमलनाथ ने कहा, "मेरे सीएम बनने के तुरंत बाद, एक सौदा हुआ। एक सीएम होने के नाते, मैं भी एक सौदा कर सकता था। विधायक मेरे पास आते थे और कहते थे कि उन्हें कई करोड़ रुपये पेशकश की जा रही है। लेकिन, मैंने कहा कि मैं किसी के साथ डील नहीं करूंगा। कुर्सी जाती है तो जाए..."

"मैं कहता था मौज करो"

उन्होंने आगे कहा, "जब विधायक मुझसे कहते थे कि उन्हें करोड़ों मिल रहे हैं, तो मैं कहता था मौज करो, मैं किसी के साथ सौदा नहीं कर सकता।" उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने सभी प्रस्तावों को ठुकरा दिया क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि मप्र की पहचान उस राज्य के रूप में हो जहां इस तरह के सौदे होते हैं।

क्या था मामला

2018 के चुनाव में 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनकर उभरी थी और भाजपा को 109 सीटें मिली थीं। कांग्रेस बसपा, सपा और निर्दलियों के साथ गठबंधन करने में कामयाब रही और मुख्यमंत्री के रूप में कमल नाथ के साथ सरकार बनाई। इसके बाद 2020 में, ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके वफादार 22 कांग्रेस विधायकों ने सबसे पुरानी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी पार्टी में चले गए।

महज 15 महीने में ही अल्पमत में आकर कमलनाथ की सरकार गिर गई। फिर चौथी बार मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान के साथ भाजपा ने सरकार बनाई। जानकारी दे दें कि प्रदेश में 17 नवंबर को एक चरण में मतदान होना है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को की जाएगी।

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