मध्य प्रदेश के भिण्ड में स्कूल बस में कथित रूप से दिल का दौरा पड़ने से 12 साल के छात्र की मौत हो गयी है। छात्र का इलाज कर रहे एक डॉक्टर ने शुक्रवार को बताया कि प्रदेश में दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत का यह सबसे कम उम्र का मामला हो सकता है। बच्चे के परिवार के सदस्यों ने बताया कि चौथी कक्षा के छात्र मनीष जाटव ने गुरुवार दोपहर को इटावा रोड स्थित स्कूल में अपने भाई के साथ दोपहर का भोजन किया और दोपहर दो बजे अपनी स्कूल बस में चढ़ने के तुरंत बाद वह गिर गया।
सीपीआर देने के बावजूद भी नहीं आया होश
परिजनों ने बताया कि बस के चालक ने स्कूल प्रशासन को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद बच्चे को फौरन पास के एक अस्पताल में पहुंचाया गया जहां डॉक्टर उसे बचाने में नाकाम रहे। जिला अस्पताल के सर्जन डॉ अनिल गोयल ने बताया, ‘‘मनीष को गुरुवार दोपहर जब अस्पताल में लाया गया था, उसी मौत हो चुकी थी। हमने उसे कार्डियोपल्मोनरी रिससिअेशन (सीपीआर) दिया लेकिन उसे होश नहीं आया। लक्षणों के अनुसार उसकी मौत दिल की धड़कन रुकने (दिल का दौरा पड़ने) से हुई।’’ गोयल ने कहा कि मृतक बालक के माता-पिता ने पोस्टमार्टम नहीं कराने का फैसला किया है।
कोविड-19 के बाद बढ़ीं ऐसी घटनाएं
मौत के बारे में बात करते हुए डॉ गोयल ने कहा, ‘‘एक अध्ययन के अनुसार इस तरह की घटनाएं कोविड-19 के बाद बढ़ी हैं। यह संभवत: पहली बार है जब मध्य प्रदेश में इस बालक की मौत कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा पड़ने) से हुई है।’’ मनीष के पिता कोमल ने बताया कि उनके बेटे को अभी तक स्वास्थ्य की कोई समस्या नहीं थी।
युवाओं में क्यों बढ़ रहे हैं दिल का दौरा पड़ने के मामले?
दिल का दौरा पड़ने के मामले आमतौर पर 'मोटापे' और 'हाई कोलेस्ट्रॉल' के शिकार लोगों के बीच देखने को मिलते हैं, लेकिन हाल ही में युवाओं में सामने आईं ऐसी घटनाएं एक अलग और चिंताजनक तस्वीर पेश करती हैं। ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें सैर, जिम में कसरत जैसी रोजमर्रा की गतिविधियां करते और शादी में नाचते समय लोग हृदयाघात के शिकार हो गए। ऐसे में प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञों का मानना है कि 'असामान्य व्यायाम' या 'अति व्यायाम' युवाओं में दिल के दौरे का कारण बन सकता है।