भोपाल: केंद्रीय मंत्री एव बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया ने इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू में अपने जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं पर बात की। उन्होंने इस बातचीत में अपने स्टार्टअप के बारे में बताया, उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कैसे प्रभावित हुए और अपने परिवार के ऊपर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के साथ ‘गद्दारी’ के आरोपों पर भी बात की। महाआर्यमान ने कहा कि उन्हें लोगों से मिलना और उनसे बातचीत करना बहुत पसंद है।
‘स्टार्टअप इंडिया ने बदल दिया भारत का चेहरा’
यह पूछे जाने पर कि पीएम मोदी के कार्यकाल में कौन सी खास चीजें हुई हैं कि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों में जनता अपना समर्थन देगी, महाआर्यमन ने कहा , ‘पीएम मोदी की जिन नीतियों ने भारत का चेहरा बदला है उनमें सबसे पहले स्टार्टअप इंडिया का नाम आता है। इसमें 5 से 8 साल में 100 यूनिकॉर्न निकले हैं और करीब एक लाख नए स्टार्टअप निकले है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक स्पीच दी थी कि आज का युवा रोजगार ढूंढने वाला नहीं रोजगार बनाने वाला हो। उनका यह स्टेटमेंट आज हकीकत के रूप में सामने आ रहा है। आज भारत अर्थव्यवस्था के मामले में अंग्रेजों से भी आगे है और इसकी इकॉनमी 3 ट्रिलियन डॉलर पर कर चुकी है।’
आर्यमान ने बताया क्या है उनका स्टार्टअप
अपने द्वारा खोले गए स्टार्टअप्स के बारे में बताते हुए महाआर्यमन ने कहा, ‘मेरा MyMandi नाम से एक स्टार्टअप है जिसके माध्यम से हम छोटे शहरों के छोटे-छोटे दुकानदारों को सशक्त करना चाहते हैं। जो ब्रांड छोटे शहरों में घुसना चाहते हैं उनको भी इससे सुविधा होगी। इसके तहत हमने एक QR कोड बनाया है जिससे हमारे व्यापार को एक डिजिटल स्टोर मिलेगा और यह वेयरहाउस से कनेक्ट रहेगा। ग्राहक को दुकान में जो सामान पसंद आएगा वह पहले उसे चेक करेगा और 24 घंटे के अंदर वह आइटम किराने की दुकान में पहुंच जाएगा।
‘लोगों ने इन्वेस्टमेंट करने से मना कर दिया था’
अपने स्टार्टअप के लिए किए गए संघर्ष के बारे में बताते हुए महाआर्यमन ने कहा, ‘ हम लोग सोचते हैं कि स्टार्टअप खोलना बहुत आसान चीज है कि एक आइडिया आया और हम कर लेंगे, लेकिन इसमें काफी मुश्किलें पेश आती हैं। मैंने इन्वेस्टमेंट के लिए 300 से 400 इन्वेस्टर्स से बात की थी, लेकिन कई लोगों ने इन्वेस्टमेंट करने से मना कर दिया था। कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें इसमें कोई आइडिया नहीं दिखा लेकिन मैंने भी हार नहीं मानी। मैंने कहा कि मैं इसको पूरा 100 फीसदी दूंगा। मेरी MyMandi की टीम बहुत मजबूत है।’ महाआर्यमन ने कहा कि अभी वह पूरी तरह अपने स्टार्टअप पर फोकस कर रहे हैं।
गुना और ग्वालियर के विकास पर भी बोले
गुना और ग्वालियर के विकास की दौड़ में पीछे होने के सवाल पर आर्यमान ने कहा, ‘सालों से विकास होता जा रहा है। विकास के लिए आपको रोड की जरूरत पड़ेगी, एयरपोर्ट की जरूरत पड़ेगी, बिजली की जरूरत पड़ेगी, सोलर पैनल की जरूरत पड़ेगी। प्रगति की हमेशा जरूरत पड़ती है। यह कभी रुकती नहीं है, और हमें भी मजा आता है जब हमारा क्षेत्र आगे बढ़ता है। जो हम नई-नई चीज क्षेत्र में लेकर आते हैं और लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट देखते हैं तो हमें भी खुशी महसूस होती है।
1857 की क्रांति और ‘गद्दारी’ पर कही ये बात
विपक्ष द्वारा सिंधिया राजघराने को 1857 की क्रांति के संदर्भ में ‘गद्दार’ कहे जाने को लेकर एक सवाल के जवाब में महाआर्यमन ने कहा, ‘इससे दुख तो होता है, लेकिन यह हमारी गलती नहीं है कि कुछ लोग इतिहास नहीं पढ़ते। आप गौर से इतिहास पढ़ेंगे तो पाएंगे कि हमारे पूरे परिवार ने खजाने की चाभी रानी लक्ष्मीबाई को दे दिया था। उन्होंने कहा था कि आप चुपचाप खजाने को चलाइए। पूरी सेना को आश्रय दिया गया, उसे हथियार दिए गए, खाना खिलाया गया। हमारी डायरेक्ट इन्वॉल्वमेंट नहीं रही लेकिन हमने इनडायरेक्ट काम किया था। रानी लक्ष्मी बाई और तात्या टोपे की मदद की। इसलिए सबको इतिहास पढ़कर कमेंट करना चाहिए।’