मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। खबर है कि कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेस को चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि कमलनाथ के खास समर्थक और तीन बार से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह भाजपा में शामिल हो गए हैं। कमलेश प्रताप शाह वर्तमान में छिंदवाड़ा लोकसभा के अंतर्गत आने वाली अमरवाड़ा आरक्षित विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। आज कमलेश शाह ने सीएम हाउस में बीजेपी की सदस्यता ली है।
भारी पोर्टफोलियो के नेता हैं कमलेश शाह
गौरतलब है कि छिंदवाड़ा की सातों विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा था। इसमें छिंदवाड़ा, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, परासिया, सौसर, चौरई और पांढुरना शामिल हैं। कमलेश प्रताप शाह 10 सालों तक हर्रई जनपद पंचायत के अध्यक्ष रहे हैं और 10 सालों तक कांग्रेस कमेटी हरदोई ब्लाक के भी अध्यक्ष रहे। इसके बाद वह 2013 में चौधरी विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और फिर 2018 में दूसरी बार विधायक बने और पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में तीसरी बार विधायक बने। अमरवाड़ा के विधायक कमलेश शाह ने हरी नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष एवं धर्मपत्नी माधवी शाह और जिला पंचायत सदस्य एवं बहन केसर नेताम के साथ भाजपा की सदस्यता ली।
वहीं कमलेश शाह के भाजपा में शामिल होने पर ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि कमलेश जी बहुत प्रतिष्ठित परिवार के हैं। प्रधानमंत्री के कार्य प्रणाली के चलते भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं।
कुछ दिन पहले लगा था एक और झटका
वहीं इससे पहले भी कमलनाथ को एक बड़ा झटका लग चुका है। कमलनाथ के विश्वासपात्र माने जाने वाले दीपक सक्सेना के बेटे अजय सक्सेना ने बीजेपी का दामन थामा है। अजय सक्सेना, 2019 के चुनाव में कमलनाथ के लिए ही अपनी सीट खाली करने वाले दीपक सक्सेना के बेटे हैं। दीपक सक्सेना को कमलनाथ सरकार के दौरान विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था। इतना ही नहीं जब यह अटकलें लगाई गईं कि कमलनाथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं तो सक्सेना ने सबसे पहले उनके पक्ष में बयान दिया था।
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