भारत में चीतों को मात्र एक जगह पर रखा गया है। ये जगह मध्य प्रदेश का कुनो नेशनल पार्क (KNP) है। वार्षिक मानसून सीजन में बंद रहने के बाद कूनो नेशनल पार्क को एक बार फिर से रविवार को खोल दिया गया है। यहां आने वाले पर्यटक अभी भी चीतों को नहीं देख सकते हैं।
अभी खत्म नहीं हुआ 2 साल का लंबा इंतजार
कूनो नेशनल पार्क में चीतों को देखने के लिए पर्यटकों का दो साल का इंतजार अभी खत्म नहीं हुआ है, क्योंकि अभी तक इन्हें जंगल में नहीं छोड़ा गया है। इसको लेकर यहां आने वाले पर्यटकों में मायूसी बनी रहती है।
80 साल बाद नामीबिया से लाए गए चीते
चीतों के विलुप्त होने के करीब 80 साल बाद, सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ बड़े मांसाहारी जानवरों को केएनपी में लाया गया था। भारत में चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने के लिए इन्हें कूनो नेशनल पार्क के बाड़ों में रखा गया है। देश में चीतों को फिर से लाने की भारत सरकार की परियोजना के तहत फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए।
ये है कूनो नेशनल पार्क में आने की टाइमिंग
कूनो नेशनल पार्क के निदेशक उत्तम शर्मा ने बताया कि 487 वर्ग किलोमीटर बफर जोन सहित 1,235 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस पार्क को फिर से खोल दिया गया है। पर्यटकों को सुबह 6.30 बजे से 10 बजे तक और दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक आने की अनुमति है।
पार्क में हैं 24 चीते
उन्होंने कहा कि पार्क में 24 चीते हैं, जो सबसे तेज गति से दौड़ने वाले स्थलीय जानवर हैं। इनमें नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 वयस्क चीते शामिल हैं। यह पूछे जाने पर कि पर्यटकों को कब इन शिकारी जानवरों को देखने का मौका मिलेगा?
भारत सरकार लेगी फैसला
इस पर उत्तम शर्मा ने कहा कि इस पर बातचीत चल रही है। एक अन्य वन अधिकारी ने कहा, 'इस पर फैसला भारत सरकार द्वारा लिया जाएगा, जो अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण परियोजना का नेतृत्व कर रही है।'
बारिश के कारण देर से खुला नेशनल पार्क
बारिश के मौसम और जंगली जानवरों के प्रजनन काल के कारण 1 जुलाई से बंद रहने के बाद केएनपी को छोड़कर मध्य प्रदेश के सभी राष्ट्रीय उद्यान 1 अक्टूबर को फिर से खुल गए। केएनपी को फिर से खोलने में देरी के बारे में शर्मा ने कहा कि श्योपुर जिले में अत्यधिक बारिश के कारण ऐसा हुआ है।
इस बार रिकॉर्ड बारिश हुई
मूसलाधार बारिश के कारण पार्क के अंदर की सड़कें खराब हो गई हैं। श्योपुर जिले में सबसे ज्यादा 1,323 मिमी बारिश हुई है। 1 जून से 30 सितंबर तक समाप्त हुए मानसून सीजन के दौरान मध्य प्रदेश में 2 मिमी बारिश हुई, जबकि औसत बारिश 666 मिमी होती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के भोपाल केंद्र के मौसम विज्ञानी पी के रायकवार ने बताया कि जिले में सामान्य से 99 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है।
पीटीआई के इनपुट के साथ