मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लोकायुक्त की टीम में बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल लोकायुक्त की टीम ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में तकनीकी शिक्षा विभाग के जूनियर ऑडिटर के 6 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की है। बता दें कि आरोपी शासकीय कर्मचारी रमेश हिंगोरानी के 6 ठिकानों पर लोकायुक्त की टीम ने रेड की है। रमेश हिंगोरानी के घर सहित स्कूलों और बेटों के दफ्तर पर यह छापेमारी की गई है। इसके लिए भोपाल में 6 अलग-अलग स्थानों पर लोकायुक्तों की टीम तलाशी अभियान चला रही है। बैरागढ़ में 2 जगहों पर, गांधी नगर में 3 जगहों पर और श्यामला हिल्स के पास एक दफ्तर में यह रेड की गई है।
लोकायुक्त ने जूनियर ऑडिटर के घर की रेड
बता दें कि इस छापेमारी के दौरान रमेश हिंगोरानी के पास आय से अधिक संपत्ति पाया गया है। छापे के दौरान कैश, डायमंड और सोने चादी के कीमती आभूषण, कई संपत्तियों के दस्तावेज, निवेश के कागजात, 4 कार और 5 दो पहिया वाहन मिले हैं। लोकायुक्त के मुताबिक छापे की कार्रवाई पूरी होने के बाद ही जब्त संपत्तियों का कुल आंकड़ा सामने आ पाएगा। लेकिन इतना साफ है कि राजेश हिंगोरानी के पास करोड़ों की बेनामी संपत्ति हो सकती है।
क्या बोले लोकायुक्त अधिकारी
इस घटना को लेकर लेकायुक्त डीएसपी संजय शुक्ला ने कहा, "रमेश हिंगोरानी तकनीकी शिक्षा विभाग में पदस्थ हैं। इनके खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत दर्ज हुई थी। आय से अधिक संपत्ति के संबंध में जांच प्रकरण दर्ज करने के बाद जांच की गई प्रथम दृश्य पाया गया उनकी संपत्ति आय से अधिक है और जो बैंक बैलेंस है वह बताता है कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित की गई है। इसलिए अपराध पंजीकृत किया गया है। उनके कार्य स्थल और उनके बेटे के कार्यस्थल पर कार्रवाई की जा रही है। उनकी संपत्तियों के दस्तावेज निवेश के दस्तावेज गोल्ड कैश जांच की प्रक्रिया चल रही है।
अधिकारियों के परिसरों पर हुई रेड
बता दें कि इससे पूर्व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड में जल जीवन मिशन योजना के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं को लेकर धनशोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में रांची में कई स्थानों पर छापेमारी की थी। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान ईडी की टीम ने रांची में 20 से अधिक ठिकानों पर तलाशी ली। सूत्रों ने बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मनीष रंजन, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री के निजी कर्मचारी मिथिलेश ठाकुर, कुछ सरकारी अधिकारियों, ठेकेदारों और व्यापारियों के परिसरों पर भी तलाशी ली गई। बता दें कि धनशोधन का यह मामला जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में कथित रूप से अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है। केंद्र सरकार का उद्देश्य जल जीवन मिशन के तहत घर-घर तक नल के जरिए स्वच्छ पीने योग्य पानी पहुंचाना है।