इंदौर: दलित समुदाय की भाजपा नेता इमरती देवी को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की कथित अभद्र टिप्पणी के खिलाफ राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां सोमवार को मौन धरने पर बैठे। शहर के रीगल चौराहे पर महात्मा गांधी की आदमकद प्रतिमा के सामने सिंधिया के नेतृत्व में दिए गए इस धरने में इंदौर से लोकसभा सदस्य शंकर लालवानी, भाजपा के कुछ स्थानीय विधायक और अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। धरने के दौरान सिंधिया ने एक तख्ती थाम रखी थी जिस पर लिखा था- "माता-बहनों का जो करे अपमान, शास्त्र कहे वह है शैतान समान"।
कमलनाथ की कथित विवादित टिप्पणी पर आक्रोश जताते हुए सिंधिया ने इंदौर शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर कम्पेल कस्बे में रविवार रात एक चुनावी सभा में कहा था, "दलित समाज की नेता और सरपंच पद से शुरूआत कर अपनी अथक मेहनत से मंत्री तक बनीं इमरती देवी के लिए कमलनाथ कहते हैं कि वह आइटम हैं। (कांग्रेस नेता) अजय सिंह कहते हैं कि वह जलेबी हैं।"
भाजपा के राज्यसभा सदस्य ने कहा था, "महिलाओं और अनुसूचित जाति के विरुद्ध इनकी (कांग्रेस नेताओं की) यही सोच और विचारधारा है, जबकि हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि जहां नारियों का मान-सम्मान होता है, देवता वहीं विराजते हैं।"
सिंधिया के निष्ठावान समर्थकों में गिनी जाने वाली इमरती देवी कांग्रेस के उन 22 बागी विधायकों में से एक हैं जिनके विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार 20 मार्च को गिर गई थी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सूबे की सत्ता में लौट आई थी। इमरती देवी, विधानसभा के तीन नवम्बर को होने वाले उप चुनावों में ग्वालियर जिले की डबरा सीट से भाजपा की उम्मीदवार हैं।