भोपाल: मध्यप्रदेश में हो रहे विधानसभा के उप-चुनाव के प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एक-दूसरे पर हमले बोल रही हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर आरोप लगाया है कि छह सौ करोड़ के घोटाले के आरापी को सरकारी गवाह बनाकर प्रदेश का मुख्य सचिव बना दिया था। शर्मा ने गुरुवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि विधानसभा उप-चुनाव में कांग्रेस कमल नाथ सरकार के 15 महीने का हिसाब न देकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और भाजपा नेताओं पर अनर्गल आरोप लगाकर जनता का ध्यान मुद्दों से हटाने का प्रयास कर रही है। कमल नाथ को 15 महीने के कार्यकाल का जनता के सामने हिसाब देना चाहिए न कि हार की बौखलाहट में अनर्गल आरोप लगाकर जनता को गुमराह करना चाहिए।
शर्मा ने कहा कि जनवरी माह में केंद्र ने कोरोना को लेकर सभी प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की थी, लेकिन मध्यप्रदेश में कमल नाथ सरकार कोरोना से निपटने के इंतजाम करने के बजाय इंदौर में आइफा आयोजन के लिए बैठकों में व्यस्त थी, उसे जनता से कोई लेनादेना नहीं था।
प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि जिस अधिकारी पर 600 करोड़ के घोटाले का आरोप था, उसे बचाने के लिए सरकारी गवाह बनाते हुए उसे मुख्य सचिव बनाने का काम कमलनाथ ने किया। कमल नाथ ने प्रदेश में आते ही एक भ्रष्ट अधिकारी को उपकृत करके भ्रष्टाचार का खेल शुरू कर दिया। कमल नाथ को जवाब देना चाहिए कि किस आधार पर उसे सरकारी गवाह बना दिया गया।
उन्होंने कहा कि कमलनाथ के प्रमुख अधिकारी रहे गोपाल रेड्डी के बारे में केंद्र सरकार ने एक रिपोर्ट के आधार पर यहां तक कह दिया था कि इस अधिकारी को आफिस के अंदर घुसने की इजाजत नहीं है, इसे बैरंग वापस भेज दिया जाना चाहिए। उस अधिकारी को कमल नाथ सरकार ने उपकृत करने का काम किया। कमल नाथ सरकार ने एस. आर. मोहंती और गोपाल रेड्डी जैसे अधिकारियों को मुख्य सचिव बनाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया।
उन्होंने कहा कि कमलनाथ बताएं कि कांग्रेस नेता दिग्विजय की पत्नी जिस मीडिया संस्थान में सहभागी बनी, उस मीडिया संस्थान को कमलनाथ सरकार द्वारा कितने पैसों की बंटरबाट की गई? कमल नाथ बताएं कि माध्यम द्वारा 20 मार्च 2020 को 40 करोड़ का भुगतान किसे किया गया? वहीं किसानों के नाम पर छपे ताम्रपत्रों का भुगतान बिना छपे ही क्यों कर दिया गया?