Wednesday, November 06, 2024
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नरेंद्र सलूजा ने कमलनाथ को बताया 84 के दंगों का आरोपी, कहा- मैं अपने धर्म-समाज के लोगों के साथ खड़ा हूं

पूर्व सीएम कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है। सलूजा को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में सदस्यता दिलाई गई।

Reported By : Anurag Amitabh Edited By : Pankaj Yadav Published on: November 25, 2022 13:38 IST
पूर्व सीएम कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा भाजपा में शामिल हुए।- India TV Hindi
पूर्व सीएम कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा भाजपा में शामिल हुए।

मध्यप्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पहुंच चुकी है। राहुल उधर भारत को जोड़ने के लिए यात्रा कर रहे हैं और इधर उनके अपने लोग ही उनका साथ छोड़ते जा रहे हैं। शुक्रवार को पूर्व सीएम कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है। सलूजा को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में सदस्यता दिलाई गई। नरेंद्र सलूजा ने कांग्रेस छोड़ने के पीछे की वजह 1984 के सिख दंगों को बताया। 

कांग्रेस छोड़ने की वजह 84 के सिख दंगों को बताया

इंडिया टीवी के संवाददाता अनुराग अमिताभ से बात करते हुए नरेंद्र सलूजा ने बताया कि बीते 8 नवंबर को मैंने कमलनाथ को सिख समाज के कार्यक्रम में बुलाया था। सिख संगत के कीर्तनकार मनप्रीत सिंह कनपुरिया ने उनका विरोध करते हुए कहा था कि आप ऐसे व्यक्ति का सम्मान कर रहे हैं जो 84 के दंगे का आरोपी है और उस पर निर्दोष लोगों को जिंदा जलाने का आरोप भी है। आप ऐसे व्यक्ति को बुला कैसे सकते हैं। जिसके बाद कनपुरिया ने कौम को चुनौती दी, कौम को ललकारा और प्रण लिया कि आज के बाद मैं इंदौर में पैर नहीं रखूंगा। कनपुरिया ने कहा कि आपने ऐसी बड़ी गलती कैसे की। उनकी बात सुनने के बाद जो धार्मिक व्यक्ति होगा वह ऐसे नेता ऐसी पार्टी के साथ नहीं रह सकता।

पहले तो कमलनाथ जी पर आरोप लगते थे। हमें लगता था कि राजनीतिक अदृश्य आरोप है। जब इस तरह के आरोप संत श्री कानपुरी जो कि देश के बड़े कीर्तनकारी हैं उन्होंने लगाएं तो मेरा उनसे भरोसा उठ गया। उसके बाद कमलनाथ जी की भूमिका को लेकर विश्व भर के सिख नेताओं के बयान सामने आए। उन्होंने कहा पहले मैं अपने धर्म के साथ हूं अपने समाज के साथ हूं। ऐसे व्यक्ति के साथ में कैसे रह सकता हूं। जिस पर 1984 दंगों के निर्दोष लोगों की हत्या का आरोप है इसलिए मैंने यह पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है। पहले लोग कहते थे कि 84 दंगों में उनका नाम है कोई प्रमाण सामने नहीं आता था। कोई बड़े पैमाने पर सिख नेता का बयान सामने नहीं आता था लेकिन 8 नवंबर को सबसे बड़े कीर्तनकार कानपुरी का 11 मीनट का उद्बोधन था। उसके बाद तो खून खौलाने वाली स्थिति थी। 

कोई मुझे गद्दार कहे, वह मुझे स्वीकार है क्योंकि मैंने धर्म के साथ खड़े रहने का फैसला किया है - नरेंद्र सलूजा

देखिए ना मैं मंत्री हूं ना विधायक हूं। मैं तो साधारण सा कार्यकर्ता हूं। कार्यकर्ता के रूप में मैंने पद स्वीकार किया है। 8 नवंबर की घटना के बाद मैं क्या कोई भी सिख व्यक्ति यही निर्णय लेता क्योंकि मैंने अपने धर्म और समाज के साथ खड़े रहने का निर्णय लिया है। इसके बाद कोई मुझे गद्दार कहे तो वह मुझे स्वीकार है। 8 तारीख के बाद निर्णय ले लिया है। विरोध भी किया है। खालसा स्टेडियम में राहुल गांधी को रूकने नहीं दिया जाएगा। इसके कारण स्थान भी बदलना पड़ा सिख समाज ने तो निर्णय ले लिया है। उसके बाद कांग्रेस और कमलनाथ जी का विरोध करेंगे वह निर्णय तो उनका जारी रहेगा और लगातार जारी रहेगा। जब तक 84 दंगों के दोषियों को सजा नहीं मिलती। हमारा विरोध जारी रहेगा।

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