भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार को नवनिर्वाचित विधायकों के साथ मीटिंग की। विधायकों के साथ समीक्षा बैठक के बाद कमलनाथ ने कहा कि अच्छी बातचीत हुई। सब जोश में हैं। कोई निराश नहीं है। मैं दिल्ली जा रहा हूं। पार्टी आलाकमान को हार के कारणों पर रिपोर्ट दूंगा। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा यह सवाल उनसे पूछो जो मेरे इस्तीफा देने की बात कर रहे हैं। कमलनाथ के बयान के बयान से साफ जाहिर हो रहा है वे इस्तीफा देने के मूड में नहीं हैं।
हार के कारणों की विस्तार से समीक्षा करेगी कांग्रेस
वहीं,कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने कहा अभी एक चर्चा और होगी। इस हार की वजह भाजपा की आईटी सेल है जिसने चुन चुन कर हराया, कुछ सीटों पर जानबूझकर जिताया। मुस्लिम विधायक आतिफ वकील ने कहा हम सबको पोस्टपार्टम करके अपनी हार की वजह बताने को कहा गया है। कुछ जगह पर ईवीएम की गड़बड़ी भी सामने आई। कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल ने कहा हार को लेकर अभी प्रारंभिक चर्चा हुई है। सभी ने कहा विस्तार से चर्चा की जाए। संभाग वार और जिला स्तर पर हार के कारणों की समीक्षा की जाए।
मल्लिकार्जुन खरगे से मिल सकते हैं कमलनाथ
बता दें कि कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ मंगलवार शाम तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात कर सकते हैं। सूत्रों ने दावा किया है कि कमलनाथ अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में 163 सीट जीत दर्ज कर बीजेपी ने दो-तिहाई बहुमत हासिल किया है जबकि कांग्रेस 66 सीट पर सिमट गई।
कमलनाथ ने इंडिया गठबंधन को नहीं दी थी सीट
वहीं, कांग्रेस आलाकमान के बारे में माना जा रहा है कि वह विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक समाजवादी पार्टी(सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव और जनता दल यूनाइटेड(जदयू) सुप्रीमो नीतीश कुमार सहित अन्य नेताओं के खिलाफ सीट बांटवारे को लेकर कमलनाथ द्वारा की गई टिप्पणियों से भी नाराज है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जहां सपा केवल चार से छह सीटें मांग रही थी वहीं जदयू ने महज एक सीट पर दावेदारी की थी। इस पर कमलनाथ सहमत नहीं थे और वर्ष 2024 में भाजपा से मुकाबले करने के लिए बनाए गए विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं को नाराज कर दिया था।