भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ व कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह चुन्नु-मुन्नू और गद्दार बताने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बयान को चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के दौरान ऐसे बयान ना देने को कहा। इससे पहले चुनाव आयोग ने विजयवर्गीय को उनकी कथित टिप्पणी के लिए नोटिस जारी किया था और उनसे 48 घंटे में जवाब देने को कहा था।
बता दें कि मध्य प्रदेश में उपचुनाव की वजह से सियासी तापमान बढ़ा हुआ है। राज्य में सभी दल जमकर प्रचार कर रहे हैं और एक-दूसरे पर खूब शब्द-बाण छोड़ रहे हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, "कांग्रेस की हालत ये है, कांग्रेस के नेताओं की हालत ये है... दोनों 'चुन्नू-मुन्नू'... दिग्विजय जी और कमलनाथ जी, ये दोनों 'चुन्नू-मुन्नू' इतने कलाकार है कि जब विधानसभा हो रहे थे, मैं भी सब जगह प्रचार में जा रहा था, मैं भी देख रहा था हेलीकॉप्टर से कि चुन्नू की सभा में कितनी और मुन्नू की सभा में कितनी भीड़ है। मैं देखता था कहीं पचास की भीड़, कहीं सौ की भीड़ लोग आते ही नहीं थे इनकी सभा में।"
कैलाश विजयवर्गीय ने आगे कहा था, "फिर उन्होंने सिंधिया जी को पकड़ा और सिंधिया जी को अपना वचन पत्र दे दिया। सिंधिया जी खानदानी आदमी, राजा-महाराजा घराने में पैदा हुए, उन्होंने भी बड़ी बाहें ऊपर कर-करके बोला, इन 'चुन्नू-मुन्नू' की बातों में आ गए और बोला कि हम किसानों का कर्जा माफ कर देंगे, दूध वालों को 5 रुपये बोनस देंगे। आठ दिन निकले, 15 दिन निकले, 16 दिन निकले, 8 महीने निकल गए-8 महीने, सिंधिया जी बोले- कमलनाथ जी आपने मुझसे कहलवाया सारे प्रदेश में कर्जा माफ होगा, बोनस मिलेगा, बेरोजगार नौजवानों को भत्ता मिलेगा। कुछ भी नहीं कर रहे क्या होगा। अभी जरा जल्दी में हूं, फलाने में - ढिकाने में, चलो-चलो बाद में देखेंगे। ये कमलनाथ जी के एक्शन थे। ये दोनों चुन्नू-मुन्नू एक मुख्यमंत्री बन गया, दूसरा ट्रांसफर उद्योग लेकर बैठ गया।"