आगर मालवा (मप्र): कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को ‘24 कैरेट का गद्दार’ करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि पार्टी में ऐसे नेताओं की वापसी की कोई गुंजाइश नहीं है। सिंधिया ने मार्च 2020 में कांग्रेस पार्टी से नाता तोड़ते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया था। रमेश ने कहा, “सिंधिया एक गद्दार हैं, असली गद्दार और 24 कैरेट के गद्दार। कपिल सिब्बल जैसे लोग, जिन्होंने पार्टी छोड़ने के बाद ‘गरिमापूर्ण चुप्पी’ बनाए रखी है, उन्हें कांग्रेस में लौटने की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया या हिमंत विश्व शर्मा जैसे लोगों को नहीं।”
'कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो पार्टी से गरिमापूर्ण तरीके से अलग हुए और...'
यह पूछे जाने पर कि अगर कोई दलबदलू नेता कांग्रेस में लौटना चाहे तो पार्टी का रुख क्या होगा, रमेश ने कहा, “मुझे लगता है कि जो लोग कांग्रेस छोड़ चुके हैं, उन्हें वापसी का मौका नहीं देना जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पार्टी छोड़ दी, उसे अपशब्द कहे, इसलिए उन्हें वापस नहीं लिया जाना चाहिए। हालांकि, कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो पार्टी से गरिमापूर्ण तरीके से अलग हुए और कांग्रेस व उसके नेतृत्व को लेकर गरिमापूर्ण चुप्पी बनाए रखी है।”
कपिल सिब्बल को लेकर कही यह बात
रमेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से इतर संवाददाताओं से मुखातिब थे। यह पदयात्रा शुक्रवार को मध्य प्रदेश के आगर मालवा में दाखिल हुई। उन्होंने कहा, “मैं अपने पूर्व सहयोगी और एक बहुत अच्छे मित्र कपिल सिब्बल के बारे में सोच सकता हूं, जिन्होंने किसी कारण से पार्टी छोड़ दी, लेकिन उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया और हेमंत विश्व शर्मा के विपरीत कांग्रेस पार्टी को लेकर बहुत गरिमापूर्ण चुप्पी बनाए रखी है।” रमेश ने कहा, “इसलिए मुझे लगता है कि जिन नेताओं ने गरिमा बनाए रखी है, उन्हें वापसी की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन जिन लोगों ने पार्टी से अलग होते हुए उसके और उसके नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी की, उन्हें लौटने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए।”
‘सिंधिया 24 कैरेट के देशभक्त हैं, जिनकी सांस्कृतिक जड़ें काफी मजबूत हैं’
यह पूछे जाने पर कि अगर सिंधिया को पार्टी अध्यक्ष, मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री या राज्यसभा सदस्य बनाए जाने की पेशकश की जाती तो क्या वह पार्टी से अलग होते, रमेश ने कहा, “सिंधिया एक गद्दार हैं, असली गद्दार और 24 कैरेट के गद्दार।” रमेश की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई के सचिव रजनीश अग्रवाल ने कहा कि सिंधिया ‘24 कैरेट के देशभक्त हैं, जिनकी सांस्कृतिक जड़ें काफी मजबूत हैं।’ अग्रवाल ने कहा कि काम के प्रति सिंधिया और शर्मा, दोनों की ही 24 कैरेट की प्रतिबद्धता है और रमेश की टिप्पणियां बेहद ‘असभ्य’ और ‘पूरी तरह से अलोकतांत्रिक’ हैं।
मार्च 2020 में कांग्रेस से अलग हो गए थे सिंधिया
शर्मा ने 2015 में कांग्रेस की चुनावी हार के लिए राहुल गांधी के ‘कुप्रबंधन’ को जिम्मेदार ठहराते हुए पार्टी छोड़ दी थी और बीजेपी में शामिल हो गए थे। बाद में उन्हें केंद्रीय मंत्री और फिर असम का मुख्यमंत्री बनाया गया था। वहीं, सिंधिया मार्च 2020 में कांग्रेस से अलग हो गए थे, जिसके चलते मध्य प्रदेश में पार्टी की सरकार गिर गई थी। बाद में उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया था।