मध्य प्रदेश में कांग्रेस इन दिनों 'किसान न्याय यात्रा' निकाल रही है। इस बीच, नर्मदापुरम में शुक्रवार को यात्रा के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कलेक्टर पर बड़ा बयान दिया, जिससे सियासी माहौल गरमा गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने यात्रा के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि यहां होशंगाबाद के जो कलेक्टर हैं, अगर इमानदारी से स्टिंग हो तो बताएंगे कि पैसे देकर कलेक्ट्री खरीदी है।
"रस्सी जल गई, लेकिन बट नहीं गया"
उन्होंने आगे कहा कि यहां के जो एसपी, तहसीलदार, पटवारी, एसडीएम और थानेदार इनकी अंतरात्मा में जाओगे तो देखोगे एक भी अधिकारी और कर्मचारी बिना पैसे के थाना या जगह नहीं पाता है। जीतू पटवारी के इस बयान पर शनिवार सुबह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "रस्सी जल गई, लेकिन बट नहीं गया। कांग्रेस लगभग 20 साल से राज्य में सरकार से बाहर है। बीच में कुछ समय मिला, तब भी सरकार चला नहीं पाई और अभी भी कांग्रेस के नेताओं ने जिस ढंग से अधिकारी व कर्मचारियों के लिए नर्मदापुरम में भाषा का इस्तेमाल किया, मैं मानकर चलता हूं कि यह सब ऊंचे अधिकारियों और कर्मचारियों का अपमान है, इसे लेकर उनको माफी मांगना चाहिए"
"सारी बातों के लिए वो क्षमा भी मांगेंगे"
मुख्यमंत्री ने कहा नेता प्रतिपक्ष सहित जिस ढंग से अपनी बात रख रहे हैं मुझे लगता है उनको विचार करना चाहिए। मध्य प्रदेश के अधिकारी और कर्मचारी उनकी एक अलग साख है। वह अलग ढंग से काम करते हैं। ऐसे में राजनीति करने के लिए बहुत अलग तरीके से बात कर सकते हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि इन सारी बातों के लिए वो क्षमा भी मांगेंगे। अधिकारी और कर्मचारी हमारी सरकार में बहुत इज्जत से काम करते हैं, निष्ठा से काम करते हैं, शिद्दत से काम करते हैं। सरकार सभी वर्गों की बेहतरी के लिए सभी को साथ लेकर चलना चाहती है। मेरी अपनी ओर से अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारी के साथ सरकार खड़ी है और उनकी व्यवस्था पर कोई प्रश्न नहीं उठा सकता है। आप बेखौफ होकर काम करें, बेखौफ होकर जनता का काम करें।"
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