नई दिल्ली: राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें या ना बनें, उनकी न्याय योजना के जरिए हर महीने 6 हजार रुपये गरीबों को मिलें ना मिलें लेकिन इसका असर मध्य प्रदेश में जनता पर कुछ अलग ही तरीके से होने लगा है। इंदौर में एक पति ने अपनी तलाकशुदा पत्नी को दिए जाने वाला गुज़ारा भत्ता कोर्ट में राहुल गांधी की न्याय योजना के भरोसे छोड़ दिया है।
राहुल गांधी ने ऐलान किया है कि कांग्रेस अगर सत्ता में आई तो देश के 20 फीसदी गरीब परिवारों को हर महीने 6,000 रुपये यानि साल के 72 हजार रुपये दिए जाएंगे। इस घोषणा के बाद इंदौर में न्यायालय में न्याय योजना का अजीब तर्क देकर एक पति ने तलाकशुदा पत्नी को गुजारा भत्ता देने से ही इंकार कर दिया।
पति आनंद शर्मा ने इंदौर की स्थानीय कुटुंब अदालत में कहा कि अपनी पूर्व पत्नी को गुजारा भत्ता तब देगा जब उसे कांग्रेस की न्याय योजना से 6,000 रुपए महीने मिलने शुरू हो जाएंगे। दरअसल, आनंद शर्मा की पूर्व पत्नी ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर 12 मार्च को कोर्ट ने आदेश दिया कि आनंद शर्मा अपनी पूर्व पत्नी को 3,000 और बेटी के भरण पोषण के लिए डेढ़ हजार रुपये हर महीने दे।
इस पर महिला के पति आनंद ने कोर्ट में अजीबो-गरीब आवेदन दायर किया, जिसमें लिखा कि वह महीने में 5,000 रुपये कमाता है और अपने मां-बाप का खर्च भी चलाता है। ऐसे में जब उसे राहुल गांधी की योजना से हर महीने 6,000 मिले तब उससे साढ़े 4 हजार उसकी पत्नी को देगा।
आनंद शर्मा के वकील ने कहा कि उनके पक्षकार द्वारा माननीय न्यायालय के 12.03.2019 के एक आदेश को लेकर कोर्ट में आवेदन किया है। कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि आनंद को अपनी पत्नी के भरण पोषण के लिए गुजारा भत्ता देना है। इसी को लेकर आवेदन दायर किया गया है। वकील ने बताया की ‘आवेदन में लिखा है कि माननीय राहुल गांधी ने जो 6,000 देने की सरकार में आने के बाद घोषणा की है उसी में से साढ़े चार हजार रुपे सीधे वह उसकी पत्नी के खाते में चले जाएं।’
मध्य प्रदेश के कानून मंत्री पीसी शर्मा से जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जो घोषणा की है उसपर लोगों को विश्वास है और जिस तरह से राहुल गांधी ने 10 दिन में 2,00,000 किसानों की कर्ज माफी का वादा किया और सीएम कमलनाथ ने कर्जमाफी की, उसी तरह से न्याय योजना को भी पूरा करेंगे।
मध्य प्रदेश में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा से जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जहां-जहां कर्जमाफी की घोषणा की थी वह वादा कहीं पूरा नहीं किया है।