इंदौर (मध्य प्रदेश): हत्या के जुर्म में इंदौर के केंद्रीय कारगार में उम्रकैद की सजा काट रहे 48 वर्षीय बंदी ने शनिवार को लकड़ी काटने की मशीन से कथित तौर पर गला रेतकर आत्महत्या कर ली। एमजी रोड पुलिस थाने के प्रभारी डीवीएस नागर ने चश्मदीदों के हवाले से बताया कि केंद्रीय जेल के बढ़ई कारखाने में काम करने के दौरान बंदी अनिल यादव (48) ने प्लाईवुड का नाप लिया और इसके बाद लकड़ी काटने की मशीन चलाकर अपना गला रेत लिया। वह शहर के आजाद नगर इलाके का रहने वाला था।
उन्होंने बताया, ‘‘यादव के इस अप्रत्याशित कदम के बाद एक अन्य बंदी जितेंद्र वर्मा ने उसके हाथ से मशीन छुड़ाने की कोशिश की। जब वह ऐसा नहीं कर सका, तो उसने बिजली का वह स्विच बंद कर दिया जिससे इस मशीन का तार जुड़ा था। जब तक मशीन बंद होती, तब तक देर हो चुकी थी और गले पर गहरे घाव से ज्यादा खून बह जाने से यादव की मौत हो गई।’’
नागर ने बताया कि पुलिस जब मौके पर पहुंची तो यादव का शव जेल के बढ़ई कारखाने में खून से लथपथ पड़ा था। उन्होंने बताया कि यादव को 2019 में राज्य के नरसिंहपुर जिले के एक हत्याकांड में अदालत ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। यादव को 2019 में ही नरसिंहपुर की जेल से इंदौर के केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित किया गया था। थाना प्रभारी ने बताया कि सजायाफ्ता कैदी की मौत के मामले की सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।