Thursday, November 21, 2024
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जहां दिवाली के अगले दिन पटाखे जलाने पर हुआ था विवाद, वहां लगा विवादित पोस्टर, भगवा झंडे को रोक रहीं मुस्लिम महिलाएं

इंदौर की जिस मस्जिद पर विवादास्पद पोस्टर लगाया गया था। वह मस्जिद उसी इलाके में है, जहां दिवाली के अगले दिन पटाखे जलाने पर विवाद हो गया था।

Edited By: Shakti Singh
Published on: November 04, 2024 18:39 IST
controversial poster- India TV Hindi
Image Source : X/EKLAVYAGAUR मस्जिद में लगा विवादित पोस्टर

इंदौर की एक मस्जिद पर लगे पोस्टर को लेकर बवाल हो रहा है। यह पोस्टर एक मस्जिद पर लगा है। पोस्टर में बुरका पहने कुछ महिलाएं भगवा झंडा लेकर आ रहे लोगों को रोकती दिखाई दे रही है। बीजेपी नगर उपाध्यक्ष और हिंद रक्षक संगठन के संरक्षक की आपत्ति के बाद प्रशासन ने पोस्टर का आपत्तिजनक हिस्सा हटवा दिया। बड़ी बात यह है कि यह पोस्टर उसी इलाके में लगा हुआ था जहां दीपावली के अगले दिन पटाखा चलाने की बात पर सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। हालांकि मुस्लिम पक्ष उस पोस्टर में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मानता, लेकिन फिर भी उन्होंने वह हिस्सा हटा दिया। 

मामला इंदौर के छत्रीपुरा मेन रोड का है। यहां शिया मुस्लिम समाज की एक मस्जिद है। इस मस्जिद पर एक बड़ा पोस्टर लगा है, इस पोस्टर के ऊपरी हिस्से में एक गुंबद और 2 मीनारें है, जबकि निचले हिस्से में बुरका पहनी हुई कुछ महिलाएं सामने से भगवा झंडे लेकर आ रहे हजारों लोगों को रोकने का प्रयास करते नजर आ रही है। इसके साथ ही पोस्टर के इस हिस्स पर अरबी भाषा में एक संदेश लिखा है। इस संदेश को गजवा ए हिंद का संदेश कहा जा रहा है। 

बीजेपी नगर उपाध्यक्ष ने जताई आपत्ति

इसको लेकर क्षेत्रीय विधायक मालिनी गौड़ के बेटे, बीजेपी नगर उपाध्यक्ष एवं हिंद रक्षक संगठन के संरक्षक एकलव्य सिंह गौड़ ने शेयर किया था। एकलव्य ने आरोप लगाया कि भारत देश को मुस्लिम देश में बदलने को लेकर सहानुभूति दिखते हुए यह गजवा ए हिंद का पोस्टर लगाया गया था। इस पर हमने आपत्ति ली है। इस पोस्टर को लेकर मस्जिद से जुड़े लोगों का कहना है कि यह पोस्टर अगस्त महीने में लगाया गया था। उस समय पाकिस्तान में दर्जनों शिया मुस्लिमों का सिर कलम कर दिया गया था। हमने उस घटना का विरोध करते हुए यह पोस्टर लगाया था। यह पोस्टर पैगम्बर मोहम्मद के परिवार की महिलाओं और बच्चियों द्वारा हमलावरों का विरोध करने को दर्शाता है। जो हमलावर हैं वो भी मुस्लिम ही हैं, वो भी नमाज पढ़ते हैं। इसमें लाल झंडे लगवाए थे, लेकिन प्रिंट होने में वो भगवा लग रहे हैं। हमारा किसी भी समाज को आहत करने का उद्देश्य नहीं है। यह पैगम्बर साहब की शहादत से जुड़ा फोटो है।

पोस्टर का विवादित हिस्सा हटाया

इस मामले की जानकारी लगते ही पुलिस ने दोनों पक्षों से बात की। शिया समाज के पदाधिकारी पुलिस अधिकारियों से मिलने भी पहुंचे, जिन्हें पुलिस ने पोस्टर का विवादित हिस्सा हटाने की समझाइश दी, जिस पर मस्जिद के पोस्टर से विवादित हिस्सा हटा दिया गया। यह पोस्टर छत्रीपुरा थाना क्षेत्र में उसी स्थान के नजदीक लगा था, जहां पिछले दिनो सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। उस तनाव के बाद से पुलिस लगातार इलाके में सक्रिय नजर आ रही है। ऐसे में इस पोस्टर को हटाने को लेकर भी पुलिस जल्दबाजी में नजर आई। हालांकि पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में एकलव्य का ट्वीट आने के बाद उन्होंने सुबह तक पोस्टर हटाने की मांग की थी, लेकिन वह नहीं माने, लिहाजा रात में ही पोस्टर निकालना पड़ा।

(इंदौर से भरत पाटिल की रिपोर्ट)

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