इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में रामनवमी के दिन बेलेश्वर झूलेलाल मंदिर में हुए हादसे के चलते 36 दुखद मौते हो गईं।18 घायल लोग अस्पताल में भर्ती हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ आज पीड़ित परिवारों के परिजनों समेत घायलों से मिलने इंदौर पहुंचे।
इंदौर में कोई प्रबंध नहीं - कमलनाथ
जिला प्रशासन द्वारा बावड़ी में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए 12 घंटे बाद आर्मी को बुलाए जाने पर कमलनाथ ने कहा "फौज 12 घंटे बाद पहुंची, कोई प्रबंध नहीं और इंदौर को हम स्मार्ट सिटी कहते हैं, यह बड़े ही शर्म की बात है।" पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, "अगर हमारी सरकार आएगी तो हम रैपिड रेस्क्यू फोर्स बनाएंगे। हर जिले, हर बड़े नगर में रैपिड रेस्क्यू फोर्स होनी चाहिए, जो 15 मिनट के अंदर घटनास्थल पर पहुंच जाएं।"
हादसे के अपराधियों को दंडित किया जाए - कमलनाथ
कमलनाथ ने इस घटना को अवैध निर्माण का परिणाम बताते हुए शिवराज सिंह चौहान सरकार से कहा, "7 दिन में जो लोगों ने मांग की है अवैध निर्माण की, उसे तोड़ा जाए। अगर अवैध निर्माण 7 दिन के अंदर नहीं तोड़ा गया तो हम कोर्ट जाएंगे और पीआईएल दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा कि इस हादसे के अपराधियों को दंडित किया जाए और इस अवैध निर्माण को तोड़ा जाए। यह हादसा अवैध निर्माण का ही परिणाम है।
कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा, "पीड़ितों के परिजन कह रहे थे शिवराज सिंह चौहान ने हमारी बात तक नहीं सुनी। शिवराज सिंह चौहान सिर्फ इवेंट का सोचते हैं। मीडिया के सामने आए तो दो शब्द बोलते हैं और मामला खत्म, मुआवजा दे कर सोचते हैं सब कुछ साफ हो जाएगा।"
कांग्रेस की लाशों पर राजनीति की पुरानी आदत - बीजेपी
वहीं कमलनाथ के इस बयान को बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश केशवानी ने कांग्रेस की लाशों पर राजनीति की पुरानी आदत बताया है। केशवानी ने इंडिया टीवी से कहा घटना के 10 मिनट बाद ही कलेक्टर कमिश्नर समेत एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ भारतीय सेना की भी मदद ली गई थी। प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक पल-पल की जानकारी पर नजर रखे हुए थे।
रामनवमी के दिन हुआ था भीषण हादसा
गौरतलब है कल रामनवमी के मौके पर इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की लापरवाही से बनी बावड़ी की छत ढहने से 36 लोगों की दुखद मौत हो गई थी।आखिरी शव निकलने में प्रशासन को 20 घंटे से ज्यादा का वक्त लगा था। एनडीआरएफ एसडीआरएफ के साथ प्रशासन को आर्मी की भी मदद लेनी पड़ी थी ।लेकिन आर्मी को देर से बुलाने के चलते ही कमलनाथ ने सरकार के रेस्क्यू ऑपरेशन पर इंदौर में सवालिया निशान उठाए।