Highlights
- इंदौर अग्निकांड के आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड
- साल 2018 में पुणे के जेल में ढाई महीने रहा है बंद
- इनवेस्टमेंट फर्म के धोखाधड़ी मामले में गया जेल
Indore Fire News: इंदौर में एकतरफा प्रेम में 22 वर्षीय युवती को "सबक सिखाने के लिए" एक सिरफिरे आशिक ने रिहायशी इमारत में आग लगा दी जिसमें सात लोगों की मौत हो गई। मामले की जांच के दौरान पुलिस को पता लगा कि आरोपी पुणे में एक निवेश सलाहकार फर्म की धोखाधड़ी के मामले में ढाई महीने जेल में रह चुका है। पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
ढाई महीने जेल में रहा "आशिक"
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सम्पत उपाध्याय ने संवाददाताओं को बताया,‘‘भीषण अग्निकांड को अंजाम देने पर गिरफ्तार शुभम दीक्षित उर्फ संजय (27) एक निवेश सलाहकार फर्म की धोखाधड़ी के मामले में पुणे के जेल में वर्ष 2018 के दौरान ढाई महीने बंद रहा है और बाद में जमानत पर छूटा था।’’ उन्होंने बताया कि दीक्षित को इंदौर के लोहा मंडी क्षेत्र में शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात गिरफ्तार किया गया और उससे पूछताछ जारी है। साथ उसका देशभर में आपराधिक रिकॉर्ड भी तलाशा जा रहा है।
"सबक सिखाने के लिए" लगाई आग
उपाध्याय ने बताया कि दीक्षित ने 22 वर्षीय युवती से शादी में नाकाम रहने पर शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात स्वर्ण बाग कॉलोनी की रिहायशी इमारत की पार्किंग में युवती के स्कूटर को आग के हवाले कर दिया था। उन्होंने बताया कि बाद में लपटों ने गहरे धुएं के साथ बढ़कर विकराल रूप धारण कर लिया था जिससे इमारत में रहने वाले एक दम्पती समेत सात लोगों की मौत हो गई थी, जबकि नौ अन्य लोग घायल हो गए थे। डीसीपी के मुताबिक दीक्षित ने इसी इमारत में रहने वाली युवती को ‘‘सबक सिखाने के लिए’’ उसके स्कूटर में आग लगाई थी। उन्होंने बताया,‘‘दीक्षित अलग-अलग अंतरालों में इस इमारत में दो बार रहा है और वहीं संबंधित युवती से उसका परिचय हुआ था। इस दौरान युवती से उसका विवाद भी हुआ था और पड़ोसियों ने उसे समझाया था कि उसे युवती से गलत बर्ताव नहीं करना चाहिए।’’
आखिरी सेमेस्टर में छोड़ी इंजीनियरिंग
उपाध्याय ने बताया कि दीक्षित उत्तर प्रदेश के झांसी का रहने वाला है और उसने भोपाल के एक महाविद्यालय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई आखिरी सेमेस्टर में छोड़ दी थी। डीसीपी ने बताया,‘‘दिल्ली और इंदौर की निजी कंपनियों में दीक्षित छोटी-मोटी नौकरियां करता रहा है। लेकिन वह रोजगार के दौरान कहीं भी टिककर नहीं रह सका।’’ उन्होंने बताया कि पुलिस ने भीषण अग्निकांड को लेकर दीक्षित के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 302 (हत्या) और 436 (भवन को जलाकर खाक करने की नीयत से ज्वलनशील पदार्थ का कुचेष्टापूर्ण इस्तेमाल) के तहत मामला दर्ज किया है।