इंदौर (मध्य प्रदेश): इंदौर में पुलिस प्रताड़ना से दलित समुदाय के 21 वर्षीय युवक की आत्महत्या के करीब साल भर पुराने मामले में विशेष अदालत ने FIR दर्ज किए जाने का आदेश दिया है। मृतक के परिवार का आरोप है कि सवर्ण जाति की युवती से अंतरजातीय प्रेम विवाह की इच्छा के चलते पुलिस ने युवक को इस कदर परेशान किया कि उसे अपनी जान देनी पड़ी। विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने शहर के अनुसूचित जाति कल्याण पुलिस थाने को आदेश दिया है कि वह 16 फरवरी 2022 को आकाश बड़िया (21) की आत्महत्या के मामले में एफआईआर दर्ज करे और जांच के बाद कोर्ट के समक्ष अंतिम रिपोर्ट पेश करे।
आकाश के परिवार के वकील नीरज कुमार सोनी ने बताया कि कोर्ट ने यह आदेश उनके मुवक्किल की दायर शिकायत मंजूर करते हुए हाल ही में दिया। सोनी के मुताबिक शिकायत में कहा गया है कि बी. कॉम. का छात्र आकाश और युवती एक-दूसरे से प्रेम करते थे और शादी की इच्छा के चलते 9 फरवरी 2022 को घर छोड़कर चले गए थे। शिकायत के मुताबिक उप निरीक्षक विकास शर्मा खुद को युवती का चाचा बताते हुए नौ फरवरी 2022 को आकाश के घर पहुंचा और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए युवक के परिजनों को धमकाया।
युवक के परिवार का आरोप है कि शर्मा ने 10 फरवरी 2022 को आकाश को चंदन नगर थाने बुलाया और थाना परिसर में खड़ी एम्बुलेंस के पीछे ले जाकर उसकी पिटाई की। शिकायत के मुताबिक उप निरीक्षक ने युवक को धमकी भी दी कि अगर वह युवती से शादी करेगा, तो वह उसे रेप और नशीले पदार्थों के मामलों में फंसा देगा जिससे उसकी सारी जिंदगी जेल में कटेगी। अधिकारियों ने बताया कि आकाश ने 16 फरवरी 2022 को अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी थी।
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आकाश के परिवार के वकील सोनी ने कहा कि युवक ने आत्महत्या से पहले अपने मोबाइल में अंग्रेजी की रोमन लिपि में लिखे नोट में कहा था-"सब इंस्पेक्टर विकास शर्मा एंड टीआई ऑफ चंदन नगर थाना..ये दो लोग जिम्मेदार हैं मेरी मौत के"। उन्होंने बताया कि युवक की आत्महत्या के बाद उसके परिजनों ने इस सुसाइड नोट के आधार पर इन पुलिस अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की गुहार लगाई थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया और उप निरीक्षक शर्मा व चंदन नगर थाने के तत्कालीन प्रभारी दिलीप पुरी को पुलिस की विभागीय जांच में ‘‘क्लीन चिट’’ दे दी गई थी।