इंदौर: वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए इंदौर ने कई प्रयास किए। इंदौर को उसके इस मेहनत का फल भी मिला। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए किए गए अनेको प्रयासों का ही नतीजा है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में इंदौर को प्रथम स्थान के ताज से नवाजा गया है। पहली बार भोपाल में आयोजित हुए स्वच्छता सर्वेक्षण अवार्ड के कार्यक्रम में इंदौर को यह सम्मान दिया गया।
इन कारणों से इंदौर बना नंबर वन
पिछले 1 साल में इंदौर ने पर्यावरण संरक्षण और वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए कई प्रयास किए। इंदौर के इन प्रयासों का उसे फल भी मिला और भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में उसे पहले स्थान का ताज पहनाया गया।
भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के इंदौर ने 8 अलग-अलग पैमानों पर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए यह तमगा अपने नाम किया है। इंदौर को उसके प्रयासों के लिए 200 में से 187 अंक हासिल दिए गए हैं और इन्हीं अंको के साथ इंदौर ने अपनी श्रेणी के 46 शहरों को पीछे छोड़ दिया है। इंदौर के बाद दूसरे स्थान पर आगरा और तीसरे स्थान पर ठाणे ने अपनी जगह बनाई है।
किन पैमानों पर मापा जाता है वायु गुणवत्ता में सुधार?
आपको बता दें कि किसी भी शहर में वायु गुणवत्ता में सुधार है या नहीं, इसके लिए 8 विभिन्न पैमाने तय किए गए हैं। इंदौर इन सभी पैमानों पर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पहले स्थान का विजेता बना है। ये आठ पैमानें कुछ इस प्रकार हैं:
1. बायोमास (लकड़ी, कंडे, कृषि अवशेष)/ शहरी सूखा कचरा जलाने से उत्सर्जन कम करने के उपाय।
2. सड़कों की धूल कम करने के उपाय।
3. निर्माण गतिविधियों और इमारतों आदि को ध्वस्त करने से उड़ने वाली धूल कम करने के उपाय।
4. वाहन उत्सर्जन कम करने के उपाय।
5. उद्योगों से उत्सर्जन कम करने के उपाय।
6. उत्सर्जन कम करने के अन्य उपाय।
7. जन जागरूकता।
8. पीएम10 का स्तर कम करना।
भोपाल में हुआ इंदौर का सम्मान
अब तक स्वच्छता सर्वेक्षण अवार्ड का कार्यक्रम दिल्ली में हुआ करता था मगर पहली बार दिल्ली से बाहर भोपाल में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। आज यानी 7 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस के मौके पर भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में यह प्रोग्राम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में इंदौर शहर को स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2023 में 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की कैटेगरी में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए किए गए प्रयासों में पहली रैंकिंग के लिए सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव भी मौजूद रहे।
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