इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में लॉकडाउन के दौरान आयोजित एक जन्मदिन पार्टी में शामिल हुई 70 वर्षीय महिला की कोविड-19 से मौत हो गई, जबकि 19 अन्य लोग भी इस महामारी की चपेट में आ गए। इस खुलासे के बाद हरकत में आई पुलिस ने इस पार्टी के आयोजकों पर प्राथमिकी दर्ज की है। इंदौर, देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल है।
जिले के सांवेर क्षेत्र के विकासखंड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) हेमंत रघुवंशी ने मंगलवार को बताया कि कोविड-19 से संक्रमित पाए गए सभी 19 मरीज आपस में रिश्तेदार हैं। इनमें एक साल से लेकर 70 वर्ष तक की उम्र वाले स्त्री-पुरुष शामिल हैं। रघुवंशी ने बताया कि ये लोग जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर दूर बड़ोदिया खान गांव में करीब 10 दिन पहले दो साल के बच्चे की जन्मदिवस पार्टी में शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि इस पार्टी में इंदौर शहर की 70 वर्षीय यह महिला भी शामिल हुई थी, जिसकी तबीयत पहले से खराब चल रही थी। इसके बावजूद उसके परिजनों ने समय पर उसकी कोविड-19 की जांच नहीं कराई थी और वे 15 दिन पहले उसे देखभाल के लिए इंदौर से बड़ोदिया खान गांव ले आए थे।
रघुवंशी ने बताया कि वृद्धा की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर जब उसे 18 मई को सांवेर के एक सरकारी अस्पताल लाया गया, तो डॉक्टरों को संदेह हुआ और जांच कराए जाने पर वह कोविड-19 से संक्रमित पाई गई। उन्होंने बताया कि इंदौर के एक सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान 70 वर्षीय महिला की 22 मई को मौत हो गई थी। बीएमओ ने बताया कि दिवंगत वृद्धा के संपर्क में आए लोगों को तलाशा गया, तो हमें लॉकडाउन के दौरान बड़ोदिया खान गांव में जन्मदिन पार्टी के आयोजन के बारे में पता चला। इस पार्टी में वृद्धा समेत करीब 60 लोग शामिल हुए थे।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 से संक्रमित पाए गए 19 लोगों को इंदौर के अलग-अलग केंद्रों में भर्ती कराया गया है। पार्टी में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। बीएमओ ने बताया कि करीब 2,000 की आबादी वाले बड़ोदिया खान गांव को निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर उसे सील कर दिया गया है। इस बीच, पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस जन्मदिन पार्टी के तीन आयोजकों पर सांवेर थाने में भादंसं की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी का आदेश नहीं मानना) और धारा 270 (ऐसा घातक कार्य जिससे किसी जानलेवा बीमारी का संक्रमण फैलने का खतरा हो) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि मामले के तीनों आरोपी भी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं और इंदौर के एक केंद्र में उनका इलाज किया जा रहा है। कोविड-19 का प्रकोप कायम रहने के कारण मद्देनजर इंदौर जिला रेड जोन में बना हुआ है। जिले में अब तक इस महामारी के 3,103 मरीज मिले हैं, जिनमें से 117 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई है।