Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. मध्य-प्रदेश
  3. यहां है 'इंदिरा गांधी' का मंदिर, देवी की तरह पूजा करते हैं आदिवासी

यहां है 'इंदिरा गांधी' का मंदिर, देवी की तरह पूजा करते हैं आदिवासी

मध्य प्रदेश के एक इलाके के आदिवासियों के लिए भी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भगवान से कम नहीं है क्योंकि उन्हें लगता है कि इंदिरा गांधी ने उनके लिए अपने शासनकाल जो किया वह सिर्फ भगवान ही कर सकता है। यही कारण है कि इंदिरा गांधी की प्रतिमा स्थापित कर मंदिर बनाया गया है और उसमें पूजा भी की जाती है।

Reported by: IANS
Published : August 27, 2021 11:10 IST
यहां है 'इंदिरा गांधी'...
Image Source : FILE PHOTO यहां है 'इंदिरा गांधी' का मंदिर, देवी की तरह पूजा करते हैं आदिवासी

खरगोन: इंसान भी लोगों के दिल में भगवान बन सकता है, बशर्ते वह लोगों का दिल जीतने और उनकी जरूरतों को पूरा करने वाला हो। मध्य प्रदेश के एक इलाके के आदिवासियों के लिए भी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भगवान से कम नहीं है क्योंकि उन्हें लगता है कि इंदिरा गांधी ने उनके लिए अपने शासनकाल जो किया वह सिर्फ भगवान ही कर सकता है। यही कारण है कि इंदिरा गांधी की प्रतिमा स्थापित कर मंदिर बनाया गया है और उसमें पूजा भी की जाती है।

आइए हम ले चलते हैं आपको मध्य-प्रदेश के खरगोन जिले के झिरनिया क्षेत्र के पड़लिया गांव में। यह आदिवासी बहुल्य इलाका है, यहां इंदिरा गांधी की आदम कद प्रतिमा है और उस स्थान को मंदिर का रूप दिया गया है। इस स्थान की दीवारें जहां तिरंगे के रंग से रंगी हुई हैं तो वहीं इंदिरा गांधी बॉर्डर वाली साड़ी पहने हुए हैं।

इंदिरा गांधी की प्रतिमा तत्कालीन कांग्रेस विधायक चिड़ा भाई डावर ने गांव वालों और आदिवासी समाज के लोगों की इच्छा के मुताबिक 14 अप्रैल 1987 को प्रतिमा स्थापित कर मंदिर बनवाया था। यह प्रतिमा जयपुर से मंगाई गई थी। चिड़ा भाई डावर के पुत्र केदार डावर खरगोन जिले की भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान में निर्दलीय विधायक हैं।

केदार डावर ने बताया, "इंदिरा गांधी के प्रति आदिवासियों में देवी जैसी आस्था थी और आज भी है क्योंकि उन्होंने आदिवासियों के लिए कई योजनाएं चलाई, उनकी जिंदगी को बदलने का अभियान चलाया। यही कारण है कि आदिवासियों के दिल में इंदिरा गांधी एक राजनेता के तौर पर नहीं बल्कि भगवान के रूप में वास करती है।"

डावर आगे बताते हैं, "आदिवासी समाज में एक परंपरा चली आ रही है कि जब किसी महिला की असमय मृत्यु होती है तो उसे सती का दर्जा भी दिया जाता है और देश की पूर्व प्रधानमंत्री के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ था, इसलिए आदिवासियों ने उन्हें सती का दर्जा देते हुए प्रतिमा स्थापित की थी। इस प्रतिमा स्थल पर नियमित रूप से पूजा होती है, अगरबत्ती आदि लगाई जाती है, जब भी किसी नेता का यहां आना होता है तो वह भी इंदिरा गांधी की प्रतिमा की पूजा करता है।"

क्षेत्र के लोग बताते हैं कि उनके यहां जब भी कोई धार्मिक या सामाजिक आयोजन होता है, तब मंदिर जाकर पूजा की जाती है, यहां तक की जब शादी कर नया जोड़ा गांव आता है तो वह अन्य देवी देवताओं के स्थल के साथ इंदिरा गांधी के मंदिर में आकर भी पूजा-अर्चना करता है। आदिवासी नेता गुलजार सिंह मरकाम का कहना है कि वर्तमान दौर में इंदिरा गांधी की बहुत ज्यादा याद आती है क्योंकि उन्होंने आदिवासियों के कल्याण के लिए योजनाएं चलाएं, वहीं महंगाई पर भी नियंत्रण रखा। आज समस्याएं बढ़ रही हैं वहीं महंगाई भी बढ़ रहा है । इस काल में आदिवासियों के लिए जीवन कठिन होता जा रहा है। वाकई में अब लगता है कि इंदिरा गांधी राजनेता नहीं भगवान ही थी।

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव का कहना है कि इंदिरा गांधी ने हर वर्ग के कल्याण के लिए योजनाएं चलाई, देश का नक्शा बदला, आदिवासियों के जीवन में खुशहाली लाई, यही कारण है कि आज भी इंदिरा गांधी लोगों के बीच लोकप्रिय है आदिवासियों के लिए तो भगवान है।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें मध्य-प्रदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement