शहडोल: मध्यप्रदेश सरकार स्वास्थ्य महकमे में सुविधा संसाधनों के लाख दावे करे, लेकिन उन दावों की सरकारी सिस्टम ने हवा निकाल कर रख दी है। हर बार की तरह एक बार फिर सरकारी सिस्टम की बदनुमा तस्वीर सामने आई है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है। ऐसा ही मामला शहडोल जिला अस्पताल से सामने आया है, जहां 56 साल के वृद्ध की उपचार के दौरान मौत के बाद शव को ले जाने के लिए परिजनों को शव वाहन तक नसीब नहीं हुआ। नतीजतन परिजनों को गोद में शव रखकर बाइक से ले जाना पड़ा।
परिजनों को नहीं मिला शव वाहन
दरअसल पूरा मामला जनपद पंचायत सोहगपुर के ग्राम धुरवार का है। यहीं के रहने वाले 56 वर्षीय वृद्ध ललुईया बैगा को बीपी हाई होने पर उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उपचार के दौरान वृद्ध ललुईया बैगा की रविवार की सुबह मौत हो गई। इसके बाद परिजनों को शव ले जाने के लिए कोई वाहन तक नहीं मिला। थक-हार कर मृतक का पोता बाइक पर ही दादा का शव रखकर जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर रवाना हो गया। इस बाइक पर शव के साथ चार लोग सवार थे। ऐसे में इनके लिए बाइक पर बैठना तक मुश्किल था।
कटघरे में अस्पताल प्रशासन
इस दौरान बाइक पर रखे शव को पोता संभाल नहीं पा रहा था, जिससे मृतक का शव बार बार बाइक से गिरता नजर आ रहा था। वहीं यह मंजर देखकर आस-पास के लोग भी स्तब्ध थे, लेकिन अस्पताल प्रशासन का दिल नहीं पसीजा। इस घटना के बाद जिला अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन एक फिर कटघरे में है। बाइक पर जिस तरह वृद्ध के शव को रखा जा रहा है, उसे देख अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इसके साथ ही इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि प्रशानस के लाख दावे अभी भी सिर्फ हवा-हवाई हैं, जबकि हकीकत इससे कोसों दूर है।
(शहडोल से विशाल खंडेलवाल की रिपोर्ट)
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