सागर (मप्र)। मध्य प्रदेश के सागर में डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय ने कक्षा में एक मुस्लिम लड़की के हिजाब पहनने और कथित तौर पर नमाज पढ़ने का वीडियो सामने आने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मामले में एक दक्षिणपंथी संगठन ने शिकायत की है। डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय (एचजीयू) के रजिस्ट्रार संतोष सहगौरा ने बताया कि हिंदू जागरण मंच द्वारा घटना की वीडियो क्लिप के साथ विश्वविद्यालय को कार्रवाई की मांग वाला एक ज्ञापन सौंपा गया है।
पांच सदस्यों की कमेटी करेगी जांच
रजिस्ट्रार ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी और इसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। एचजीयू के मीडिया अधिकारी विवेक जायसवाल ने बताया कि शैक्षणिक परिसर में विद्यार्थियों के लिए कोई औपचारिक ड्रेस कोड नहीं है, लेकिन उन्हें बुनियादी नैतिक पहनावे के साथ कक्षाओं में शामिल होना चाहिए। वहीं, विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने बताया कि उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा है कि ‘धार्मिक गतिविधियां घर या धार्मिक स्थलों पर ही की जानी चाहिए, ताकि विश्वविद्यालय में अध्ययन का माहौल बना रहे।’
हिंदू जागरण मंच ने कुलपति से की शिकायत
उधर, हिंदू जागरण मंच की सागर इकाई के अध्यक्ष उमेश सराफ ने कहा कि वीडियो में दिख रही लड़की लंबे समय से हिजाब पहनकर कक्षाओं में हिस्सा ले रही थी। उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में इस तरह की धार्मिक गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उमेश के मुताबिक छात्रा लंबे समय से हिजाब में विश्वविद्यालय आ रही थी, लेकिन शुक्रवार दोपहर उसे कक्षा के अंदर नमाज पढ़ते देखा गया। यह आपत्तिजनक है क्योंकि शिक्षण संस्थानों में हर धर्म के लोग आते हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक शिकायत कुलपति और रजिस्ट्रार को सौंपी गई है।
विहिप ने विवि परिसर के मंदिर में किया हनुमान चालीसा का पाठ
इस बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के स्थानीय नेताओं ने शनिवार को विश्वविद्यालय परिसर में मौजूद एक मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया। विहिप के नगर अध्यक्ष कपिल स्वामी ने कहा, यदि एक समुदाय के सदस्यों को परिसर में धार्मिक प्रार्थना करने की अनुमति दी जाती है तो अन्य भी ऐसा कर सकते हैं। स्वामी के अनुसार, अगर ऐसी घटनाएं होती हैं तो विहिप को आंदोलन शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
बता दें कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 15 मार्च को कक्षाओं के अंदर हिजाब या हेड स्कार्फ पहनने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह इस्लाम में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है।
इनपुट: एजेंसी