ग्वालियर शहर एक रूह कंपा देने वाली घटना समाने आई है। शहर के कंपू इलाके में रहने वाली एक 70 वर्षीय बीमार वृद्धा अपने घर में बिस्तर पर लेटे हुए जिंदा जल गई। बताया जा रहा है कि वृद्धा लंबे समय से बीमार थी और घर में बिस्तर पर आराम कर रही थी। इसी दौरान घर के अंदर अचानक से शॉर्ट सर्किट हुआ जिससे बिजली के तारों में आग लगी और पूरा कमरा आग की लपटों के हवाले हो गया। इस दौरान बीमार वृद्धा को करंट भी लगा और कुछ ही देर में पूरा घर आग की लपटों से खाक हो गया।
चलने-फिरने में होती थी परेशानी
बीमार होने के कारण वृद्धा को चलने-फिरने में परेशानी होती थी इसलिए वह उठ भी नहीं पाई। बंद कमरे में वृद्धा का पूरा शरीर झुलस गया। उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। कंपू थाना पुलिस ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद परिजनों द्वारा महिला के शव का अंतिम संस्कार किया गया।
नातिन के साथ रहती थी वृद्धा
दरअसल, शहर के कंपू थाना क्षेत्र के अंतर्गत मांढरे की माता चौराहे के पास रहने वाली 70 वर्षीय वृद्धा पारोबाई पत्नी धनीराज बाथम अपनी नातिन के साथ रहती थी। नातिन काम भी करने जाती थी। बीते रोज घर पर खाना बनाने के बाद वह दवा लेने के लिए बाजार गई थी। घर पर पारोबाई अकेली ही थी। जिस कमरे में वह आराम कर रही थी वहां बिस्तर और अन्य सामान भी रखा था तभी अचानक शॉर्ट सर्किट हुआ फिर आग लग गई। वृद्धा संभल भी नहीं पाई और पूरा शरीर आग की लपटों से घिर गया। कुछ ही देर में बिस्तर ने भी आग पकड़ ली जिससे वृद्धा बुरी तरह झुलस गई।
शोर सुनकर आए पड़ोसी
शोर सुनकर आसपास रहने वाले लोग आए। आग बुझाई गई लेकिन तब तक वृद्धा पूरी तरह झुलस चुकी थी। पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी गई। गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। यहां इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके बाद शव पोस्टमार्टम हाउस भिजवाया गया। मृतका पारो बाथम की पुत्री डिंपल बाथम का कहना है कि उनकी बेटी पारो बाथम के साथ रहती थी और दवाई लेने के लिए जब बाजार गई तब मोबाइल पर सूचना मिली कि घर में आग लगी है। वह जब तक लौटकर आई तब तक नानी पूरी तरह जल चुकी थी। उन्हें अस्पताल भी भिजवाया गया लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
(रिपोर्ट- भूपेन्द्र भदौरिया)
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