मध्य प्रदेश के भिंड जिले से एक गंभीर मामला सामने आया है। छह मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई। यह घटना ग्वालियर के गोविंदपुरी स्थित कालरा आई हॉस्पिटल की है। मामले में ग्वालियर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए कालरा आई हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएटर को बंद करवा दिया है।
ग्वालियर के कालरा आई हॉस्पिटल के डॉक्टर रोहित कालरा की टीम ने बिना इजाजत के भिंड जिले के गोरमी के कृपे का पुरा गांव में एक 'आई कैंप' का आयोजन किया था। इस शिविर में भाग लेने वाले ग्रामीणों का ऑपरेशन ग्वालियर स्थित कालरा आई हॉस्पिटल में किया गया। ऑपरेशन के बाद इन छह मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई।
बुजुर्गों ने शिकायत दर्ज कराई
ग्राम चपरा और ग्राम डूंगरपुर के कुछ बुजुर्गों ने इस घटना के बारे में गोरमी तहसील में शिकायत दर्ज कराई। इनमें से एक बुजुर्ग को तो ऑपरेशन के दौरान जिस आंख में समस्या थी, उसकी बजाय दूसरी आंख का ऑपरेशन कर दिया गया, जिसके कारण उसकी दोनों आंखों से दिखना बंद हो गया। शिकायत करने वालों में चिरोंजी लाल सखवार, भागीरथ सखवार, चुन्नी बाई, राजवीर, भूरी बाई और चमेली बाई शामिल हैं।
ग्वालियर लाकर ऑपरेशन किया
संयुक्त समाज सेवी संस्था एवं निवारण हेल्थ वेलफेयर सोसाइटी ने 9 दिसंबर को कृपे का पुरा गांव में नेत्र परीक्षण शिविर लगाया था, जिसमें ग्वालियर के कालरा आई हॉस्पिटल की टीम पहुंची थी। टीम ने जांच के दौरान कुछ ग्रामीणों की आंखों में मोतियाबिंद पाया और उन्हें ग्वालियर लाकर ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद अस्पताल ने इन ग्रामीणों से किराया लिया और उन्हें वापस उनके गांव छोड़ दिया।
रोशनी जाने पर हॉस्पिटल पहुंचे मरीज
जब इन मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई, तो वे फिर से ग्वालियर के कालरा आई हॉस्पिटल पहुंचे, लेकिन अस्पताल ने उनसे फीस लेकर भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद मरीजों ने गोरमी तहसील में शिकायत की, जिसके बाद ग्वालियर स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया और गोविंदपुरी स्थित कालरा आई हॉस्पिटल का ऑपरेशन थिएटर बंद करवाकर जांच शुरू कर दी। (रिपोर्टर- भूपेंद्र भदौरिया)
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