Monday, November 04, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. मध्य-प्रदेश
  3. सिंधिया पर प्रतिक्रिया देने की हैसियत पाने के लिए गुड्डू को दूसरा जन्म लेना पड़ेगा: तुलसीराम सिलावट

सिंधिया पर प्रतिक्रिया देने की हैसियत पाने के लिए गुड्डू को दूसरा जन्म लेना पड़ेगा: तुलसीराम सिलावट

वरिष्ठ भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तीखे हमले के साथ रविवार को कांग्रेस में "घर वापसी" करने वाले पूर्व लोकसभा सांसद प्रेमचंद बौरासी "गुड्डू" पर प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने पलटवार किया।

Written by: Bhasha
Published on: May 31, 2020 20:24 IST
सिंधिया पर प्रतिक्रिया देने की हैसियत पाने के लिए गुड्डू को दूसरा जन्म लेना पड़ेगा: तुलसीराम सिलावट- India TV Hindi
Image Source : FACEBOOK सिंधिया पर प्रतिक्रिया देने की हैसियत पाने के लिए गुड्डू को दूसरा जन्म लेना पड़ेगा: तुलसीराम सिलावट

इंदौर (मध्य प्रदेश): वरिष्ठ भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तीखे हमले के साथ रविवार को कांग्रेस में "घर वापसी" करने वाले पूर्व लोकसभा सांसद प्रेमचंद बौरासी "गुड्डू" पर प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने पलटवार किया। सिंधिया खेमे के वफादार नेता सिलावट ने यहां संवाददाताओं से कहा, "सिंधिया पर कोई टिप्पणी करने की उनकी (गुड्डू की) हैसियत तक नहीं है। सिंधिया पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिये उन्हें (गुड्डू को) दूसरा जन्म लेना पड़ेगा। मैं तो ऐसे व्यक्ति (गुड्डू) का नाम तक लेना पसंद नहीं करता।"

भाजपा छोड़ने की पहले ही घोषणा कर चुके गुड्डू ने भोपाल में रविवार को ही कांग्रेस की सदस्यता ली। इस दौरान 59 वर्षीय दलित नेता ने सिंधिया खेमे पर निशाना साधते हुए कहा, "सिंधिया और उनके 22 साथियों ने (कांग्रेस की पीठ में) छुरा घोंपने का काम किया है। हम आगामी विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस के इन गद्दारों को हरायेंगे।" गुड्डू के ताजा कदम को इंदौर जिले की सांवेर विधानसभा सीट के आगामी उप चुनाव में कांग्रेस के टिकट के लिये उनकी दावेदारी से जोड़कर देखा जा रहा है, जहां सत्तारूढ़ भाजपा सिलावट को अपना उम्मीदवार बना सकती है।

इस बारे में पूछे जाने पर सिलावट ने कहा, "मैं उन्हें (गुड्डू को) कोई चुनौती नहीं मानता। भाजपा में हरेक सीट पर पूरा संगठन मिलकर चुनाव लड़ता है, जबकि कांग्रेस में बस एक व्यक्ति (उम्मीदवार) चुनावी मैदान में उतरता है।" गुड्डू, वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाते हैं और उनका लम्बा राजनीतिक जीवन कांग्रेस में ही गुजरा है। वह प्रदेश के नवंबर 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव से चंद रोज पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा के पाले में चले गये थे और अब कांग्रेस में लौट आये हैं।

गौरतलब है कि सिंधिया की सरपरस्ती में सिलावट समेत कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गयी थी। इस कारण कमलनाथ को 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सूबे की सत्ता में लौट आयी थी।

आने वाले दिनों में सांवेर क्षेत्र समेत विधानसभा की 24 खाली सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इनमें से 22 सीटें कांग्रेस के बागी विधायकों के पाला बदलकर इस्तीफा देने से खाली हुईं, जबकि दो सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के एक-एक विधायक के निधन से उपचुनाव की स्थिति बनी है।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें मध्य-प्रदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement