उज्जैनः विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, लाखों भक्तों से अवैध वसूली की गई है। प्रोटोकॉल दर्शन के नाम पर यूपी और गुजरात सहित अन्य स्थानों से आने वाले श्रद्धालुओं से 1100 से 2000 रुपए तक वसूले जा रहे थे। अवैध वसूली में मंदिर के कर्मचारी, पुरोहित और सुरक्षा गार्ड शामिल पाए गए हैं। उज्जैन पुलिस और मंदिर प्रशासन ने इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए गुरुवार को 6 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। दो कर्मचारी राकेश श्रीवास्तव और विनोद चौकसे पर महाकाल मंदिर एक्ट की धारा में केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि मंदिर के सफाई प्रभारी विनोद चौकसे और सभा मंडप प्रभारी राकेश श्रीवास्तव के बैंक खातों की जांच की, जिसमें लाखों रुपए के संदिग्ध ट्रांजैक्शन पाए गए। यह राशि मंदिर में सेवा के दौरान अवैध रूप से वसूली गई थी। दोनों कर्मचारियों के खिलाफ महाकाल थाने में धारा 318 (4) 316 (2) में केस दर्ज कर लिया हैं।
फोन कॉल से खुले राज
एसपी ने बताया कि कर्मचारियों द्वारा श्रद्धालुओं को दर्शन कराने के नाम पर निर्धारित राशि से ज्यादा राशि ली गई। जो की शासकीय खाते में जमा नहीं कर खुद रख ली गई। फोन कॉल डिटेल ऑनलाइन ट्रांजैक्शन व बैंक अकाउंट डिटेल से मामले का खुलासा हुआ है।
कैसे हुआ खुलासा
जानकारी के अनुसार, यूपी और गुजरात से दस श्रद्धालुओं से दर्शन कराने के नाम पर हजारों रुपये वसूले गए। शिकायत के अनुसार, नितेश, संजू देवी, मनोज, पलक समेत अन्य को मंदिर के कुछ कर्मचारियों ने महाकाल का जलाभिषेक करने के नाम पर 6600 रुपये। प्रति व्यक्ति 1100 रुपये गए थे। जबकि आम श्रद्धालुओं का गर्भ गृह में एंट्री वर्जित है। इसी प्रकार गुजरात से आए श्रद्धालु योगेश, जीनल और हर्षल से दर्शन करने के लिए पहुंचे थे। जलाभिषेक के नाम पर इन लोगों से 3300 रुपये गए। अवैध वसूली को खुद मंदिर समिति के अध्यक्ष नीरज सिंह ने खुद पकड़ा और शिकायत दर्ज कराई।
रिपोर्ट- प्रेम डोडिया, उज्जैन