मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री रही उमा भारती और एक आईपीएस अधिकारी रूपा दिवाकर के एक वायरल वीडियो के चलते मध्य प्रदेश में विवाद खड़ा हो गया है। 45 सेकंड के इस वीडियो में उमा भारती और रूपा दिवाकर की तस्वीर वाला एक वीडियो वॉइस ओवर के साथ दिखाया गया है। इसमें बताया गया कि आईपीएस अधिकारी नौकरानी बनाकर उमा भारती के घर पहुंची। उमा भारती को ठेकेदारों से पैसे मांगते देखने पर उमा भारती को मुख्यमंत्री रहते गिरफ्तार कर लिया।
सोशल मीडिया में फेक रील वायरल
वायरल वीडियो सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के नेता सचिव उमेश गर्ग ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें लिखा है कि सोमवार (28 अक्टूबर) को मुझे अपने मोबाइल पर यूट्यूब पर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा अपलोड की गई एक रील (वीडियो) मिली। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती एवं महिला आईपीएस रूपा दिवाकर मौदगिल उर्फ डी रूपा के फोटोज को एडिट किया गया है। इसमें एक पुरूष की आवाज में उनके विषय में अत्यंत आपत्तिजनक, तथ्यहीन, असत्य, भ्रामक, फर्जी एवं कूट-रचित सामग्री एडिट कर सोशल मीडिया, यू-ट्यूब पर अपलोड की गई है।
सीएम आवास पर नौकरानी बन कर गई महिला आईपीएस
इसमें एक अज्ञात पुरूष कह रहा है कि यह एक ऐसी आईपीएस ऑफिसर है, जो मुख्यमंत्री के काले कारनामे देखने उनके ही घर नौकरानी बनकर पहुंच गई। इसके बाद जो हुआ उसे देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे।
ठेकेदारों से जबरदस्ती पैसे मांग रहीं थीं उमा भारती
वीडियो में कहा गया कि 2000 बैच की तेज तर्रार आईपीएस ऑफिसर दीपा दिवाकर मौदगिल उर्फ डी रूपा जिस राज्य में होती हैं। वहां कोई भी कानून का उल्लंघन नहीं कर सकता है। यह चर्चा में तब आ गईं, जब इन्हें पता चला की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ठेकेदारों से जबरदस्ती पैसे मांग रही हैं।
किया गया फर्जी दावा
तभी आईपीएस रूपा मुख्यमंत्री के घर नौकरानी बनकर पहुंच गईं। जैसे ही उन्होंने मुख्यमंत्री को ठेकेदारों से पैसे मांगते देखा तभी रूपा ने अपना असली चेहरा दिखाया। सभी के होश उड़ गए। आईपीएस ऑफिसर डी रूपा ने मुख्यमंत्री को उनके ही घर से गिरफ्तार कर लिया। अब आप ही बताईये क्या हर आईपीएस ऑफिसर को अपना काम ऐसी ही ईमानदारी से करना चाहिये।
दर्ज कराई गई एफआईआर
पुलिस में दर्ज शिकायत में बताया गया कि इस रील में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा जानबूझकर, शरारतवश, पूर्व सीएम व बीजेपी की वरिष्ठ नेता की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है। अज्ञात आरोपी के खिलाफ की गई इस गतिविधि को रोका जाना आवश्यक है। इसको लेकर क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस शिकायत के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच ने अज्ञात के खिलाफ बीएनएस की धारा 336(4), 356 (2) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।