एमपी: बागेश्वर धाम में 13 से 19 फरवरी तक चल महा आयोजन के आखिरी दिन बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने फिर कराई लोगों की घर वापसी। इस महा आयोजन में आसपास के राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। हिंदू राष्ट्र के आह्वान, रामचरित मानस ग्रंथ और फिर घर वापसी अभियाान के साथ ही बाबा बागेश्वर हिंदुत्व के नए पोस्टर बॉय बन रहे हैं।
बाबा बागेश्वर ने दावा किया कि सागर जिले के कई गांवों से चार बसें आई थीं। इनमें से कुछ लोग चर्च जाते थे। कुछ ने इसाई धर्म स्वीकार कर लिया था। इनमें से कुछ लोगों से जब 'इंडिया टीवी' ने बातचीत की तो इन लोगों ने बताया कि उन्हें मकान से लेकर बकरी देने तक का प्रलोभन देकर चर्च बुलाया जाता था। ईसाई मिशनरी ने इन सभी का बपतिस्मा भी कराया था।
इन लोगों ने 'इंडिया टीवी' की बताया कि बहुत से लोगों को ऐसे ही चर्च में बुलाया जाता है। बाबा बागेश्वर ने कहा मैं किसी धर्म के खिलाफ नहीं, लेकिन मैं अपने धर्म के प्रति कट्टर हूं। यह सबका देश है सब यहां रह सकते हैं। महा आयोजन में सागर जिले के आए 200 लोग बैठे थे। इनमें से कईयों ने धर्मांतरण किया था।, बाबा ने बताया कि इन्हीं में से कुछ लोग चर्च जाते थे कुछ नहीं।
बाबा बागेश्वर ने 7 दिनों की कथा के बाद जब भक्तों से कहा 'अब घर जाओ वापस', तो भक्त रोने लगे। 7 दिनों के धार्मिक महा आयोजन के बाद बाबा बागेश्वर के श्रद्धालु भावुक हो उठे। कथा समाप्ति के बाद बाबा बागेश्वर के लिए बनाए गए गीतों पर हजारों भक्त झूम उठे। इस दौरान महिलाएं भाव विह्वल होकर नाच रही थीं और रो भी रही थीं।
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